पानीपत: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) गुरुवार को हरियाणा में प्रवेश करके चार जिलों की यात्रा करते हुए पंजाब के लिए निकलेंगे. 5 जनवरी से भारत जोड़ो यात्रा हरियाणा में रहेगी. 5 जनवरी की शाम यूपी के शामली से पानीपत में दाखिल होने के बाद दो दिन राहुल गांधी का पानीपत में कार्यक्रम होगा. पानीपत के बाद करनाल, कुरुक्षेत्र और अंबाला के शम्भू बॉर्डर होते हुए राहुल पंजाब के लिए रवाना होंगे.
इससे भी खास बात ये है कि पानीपत में गांधी परिवार के बड़े नेता की रैली का कांग्रेस के अतीत से एक संयोग जुड़ा हुआ है. पानीपत में कांग्रेस ने जब भी रैली की है उसका अच्छा नतीजा पार्टी को मिला है. माना जा रहा है कि पानीपत में राहुल के दो दिन के कार्यक्रम का एक ये भी कारण भी हो सकता है. इस दौरान शुक्रवार को राहुल गांधी पानीपत के सनौली से चलकर अनाज मंडी पहुंचेंगे.
भोजन के बाद सेक्टर 13-17 के हुडा ग्राउंड में राहुल बड़ी रैली को संबोधित करेंगे. कहा जा रहा है कि राहुल गांधी की पानीपत रैली(Rahul Gandhi Panipat Rally)भारत जोड़ो यात्रा की सबसे बड़ी रैली है. इस रैली की अहमियत इसलिए है क्योंकि इससे पहले पानीपत में इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी भी रैली कर चुकी हैं. जिसके बाद कांग्रेस ने सत्ता में वापसी भी की.
भारत जोड़ो यात्रा में हरियाणा कांग्रेस नेता. ये भी पढ़ें-पानीपात में राहुल गांधी का रात्रि विश्राम कैंसिल, अस्पताल में भर्ती सोनिया गांधी से मिलने वापस लौटे दिल्ली
कांग्रेस नेताओं का दावा है कि राहुल गांधी की पानीपत रैली में 5 लाख से ज्यादा लोग पहुंचेंगे. अतीत में जब भी गांधी परिवार के किसी भी बड़े नेता ने पानीपत की धरती पर कोई बड़ा सम्मेलन या रैली की है तो सत्ता परिवर्तन हुआ है. इस बार भी कांग्रेस नेताओं को यही उम्मीद है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच यह ये बड़ी रैली फिर से कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम करेगी और सत्ता में वापसी करायेगी.
आपातकाल के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार हुई और केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी. 1978 में जब जनता पार्टी की सरकारी थी, उस समय इंदिरा गांधी ने पानीपत के सर्कस ग्राउंड में एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया था. तीन साल में ही जनता पार्टी की सरकार गिर गई और 1980 में चुनाव हुए. इस चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस ने केंद्र की सत्ता में वापसी की. जनता पार्टी चुनाव हार गई. आपातकाल को भूलकर जनता ने कांग्रेस को रिकॉर्ट जीत दिलाई. कांग्रेस ने लोकसभा में 353 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई
इसके बाद 1984 में पानीपत जिले के आर्य स्कूल ग्राउंड में कांग्रेस द्वारा आयोजित बड़े सम्मेलन में राजीव गांधी आए थे. हत्या से ठीक 5 दिन पहले 16 मई 1991 को फिर से राजीव गांधी ने पानीपत और करनाल में जन सभाओं को संबोधित किया. 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या हो गई तो 1991 में राजीव गांधी की. 1984 में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 404 सीटें जीती. हरियाणा में भी सभी 10 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया. 1991 में भी कांग्रेस ने हरियाणा में 10 में से 9 सीटें जीती.
राजीव गांधी और इंदिरा गांधी. (फाइल फोटो) ये सिलसिला इंदिरा और राजीव के बाद भी जारी रहा. 2 अक्टूबर 2008 को सोनिया गांधी भी पानीपत आई थीं. पानीपत के गांव गढ़ सरनाई में सोनिया गांधी ने एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया था. इसके बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव 2009(Haryana Assembly Election 2009) में कांग्रेस ने हरियाणा की सत्ता में लगातार दूसरी बार वापसी की. भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
भारत जोड़ो यात्रा के साथ गांधी परिवार का कोई बड़ा नेता एक बार फिर पानीपत में रैली कर रहा है. हरियाणा में 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनो हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 31 सीटें जीती थी. कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि अगले चुनाव में कांग्रेस फिर से सरकार बनायेगी. देखना होगा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और पानीपत रैली का संयोग एक बार फिर कांग्रेस के साथ होता है या नहीं.
हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बच्चों से मिलते राहुल गांधी. राहुल गांधी की भारत जोड़ा यात्रा का दूसरा चरण हरियाणा समेत देश की सियासत के लिए बेहद अहम है. जिन चार जिलों से होकर ये यात्रा निकलेगी उसे जीटी रोड बेल्ट कहा जाता है. इन चार जिलों में हरियाणा की चार लोकसभा सीटें और 17 विधानसभा सीटें आती हैं. जीटी रोड बेल्ट में जिस पार्टी को जीत मिली उसकी प्रदेश में सरकार बनती है. राहुल गांधी की यात्रा के दोनों चरण में हरियाणा की करीब 30 विधानसभा सीटें आती हैं.
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