पानीपत: आज के दौर में आम आदमी अगर किसी चीज से सबसे ज्यादा परेशान हैं, तो वो है बढ़ती हुई महंगाई. रोजाना की जरूरत में शुमार चीजों की आए दिन कीमतें बढ़ती जा रही हैं, और इस लिस्ट में सबसे ऊपर है रसोई गैस. पिछले कुछ सालों से हर छह महीने में कम से कम एक बार रसोई गैस की कीमतों में उछाल आ जाता है, जिससे आमजन का पूरा बजट बिगड़ जाता है.
एक महीने में बढ़े दो बार दाम
दिसंबर 2020 में भारतीय तेल कंपनियों ने रसोई गैस यानी एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में दो बार बढ़ोतरी कर 100 रुपये दाम बढ़ा दिए हैं. जिससे बिना सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 694 रुपये तक पहुंच गई है. ऐसे में जब बाजार में मंदी का दौर हो तो आम आदमी ऊपर से और ज्यादा थोपी गई महंगाई के बोझ तले दबा नजर आता है.
घरेलू गैस की बढ़ती कीमतों से परेशान हुआ आम जन, देखिए वीडियो 'गैस की कीमतें घटाने की बजाए, बढ़ा रही है सरकार'
रसोई गैस की कीमतों में आए बदलाव के बारे में लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद लोग अभी तक आर्थिक रूप से मजबूत नहीं हो पाएं है, सरकार को महंगाई पर लगाम लगानी चाहिए थी, लेकिन उल्टा जरूरत की चीजों का दाम बढ़ाया जा रहा है. अब सब्सिडी भी नहीं दिया जाता, ऐसे में उनका पूरा बजट बिगड़ गया है.
'बुकिंग के वक्त रेट समान्य, डिलीवरी के वक्त ज्यादा भुगतान'
गैस कंपनी पर सिलेंडर लेने आए दीपक का कहना है कि इस महीने जब उन्होंने सिलेंडर की बुकिंग कराई उन दिनों रेट सामान्य थे, लेकिन अब उन्हें सिलेंडर दिया गया तो बढ़े हुए दाम वसूले गए. उनका कहना है ये गलत है, इससे उनको आर्थिक रूप से नुकसान हुआ है.
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रसोई गैस की कीमतों में बार-बार बढ़ोत्तरी से उपभोक्ता परेशान हो चुके हैं. उनका कहना है कि लॉकडाउन के बाद इस मुश्किल घड़ी में रसोई गैस की कीमत बढ़ाना, और सब्सिडी हटा देना गरीबों पर बड़ी मार है. उनका कहना है कि सरकार को आमजन की परेशानियों को समझना चाहिए, और सब्सिडी जैसी स्कीम को फिर शुरू करना चाहिए.