पानीपत: हरियाणा के पानीपत का 'छोरा जाट का समोसा आठ का' एक समोसे वाला इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. आखिर वायरल हो रहे केवल सिंह के समोसे में ऐसा क्या खास है, जिसके चलते उनके यहां हमेशा लोगों की भीड़ लग रहती है. इसे जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम भी पानीपत में 'छोरा जाट का समोसा 8 का' दुकान पर पहुंची. दुकान पर समोसा खाने के लिए हमेशा लोगों की लंबी लाइन लगी रहती है. आखिर इस समोसे की क्या खासियत है, आइए जानते हैं...
यूनिक नाम के चलते मिली पहचान!: हम बात कर रहे हैं पानीपत के केवल सिंह की जिसका कद महज 4 फीट है. केवल सिंह इन दिनों अपने समोसा दुकान के लिए मशहूर हैं. करीब 4 महीने पहले केवल सिंह ने समोसे का काम शुरू किया था. केवल सिंह ने 'छोरा जाट का समोसा आठ का नाम से दुकान की शुरुआत की. देखते ही देखते यह दुकान मशहूर हो गया. आज इस दुकान पर समोसा खाने वालों लोगों की लाइन लगी रहती है.
छोरा जाट का, समोसा आठ का. एक दिन में 5000 समोसे की बिक्री: दुकान के मालिक केवल सिंह बताते हैं कि 4 मार्च 2023 को बस इस सोच के साथ उन्होंने यह काम शुरू किया था कि कम दाम में और अच्छी क्वालिटी का खाना लोगों तक पहुंचाया जाए. 50 पैसे की मार्जिन पर केवल सिंह ने आठ रुपये का समोसा बेचना शुरू किया. पहले दिन करीब 700 समोसे की बिक्री हुई दूसरे दिन केवल सिंह ने बताया कि उसे गिनती नहीं वह और उसके कारीगर सारा दिन समोसे बेचकर थक गए. अगले दिन नए जोश और उत्साह के साथ वह फिर और कारीगरों के साथ इस कारोबार को बढ़ाने में जुट गया. आज वह दिन में ढाई हजार से लेकर 5000 तक समोसे बेच देते हैं. केवल सिंह की दुकान पर समोसा खाने वालों की लाइन लगी रहती है.
दिन भर में 2500ृ-5000 समोसे की बिक्री. ये भी पढ़ें:सोशल मीडिया पर रील्स क्रेज से बढ़ी हरियाणवी दामण की डिमांड, दामण वाली दादी ने विदेशों तक पहुंचाई हरियाणवी संस्कृति
15-20 लोगों को रोजगार: केवल सिंह ने बताया 'दुकान पर समोसा आने के साथ ही बिक जाता है. समोसा बनाने के लिए लगभग 15 से 20 कारीगर हैं. परिवार के लोग भी उसके साथ लगे रहते हैं. समोसा बनाने के लिए घर के निचले फ्लोर पर कारीगर बैठते हैं और मात्र चार बाय पांच की दुकान में समोसा बेचते हैं. दूसरे हलवाई की दुकान और शोरूम पर समोसा ₹15 से स्टार्ट होकर करीब ₹35 तक मिलता है लेकिन हमारा मकसद यह है कि कम पैसे में लोगों तक अच्छा खाना पहुंचाया जाए.'
पानीपती का समोसे वाला सोशल मीडिया पर वायरल. क्वालिटी के साथ यूनिक नाम से भी मिली पहचान: केवल ने बताया कि 'सिर्फ एक बार ग्राहक को रोकने के लिए वह अपने नाम का इस्तेमाल करते हैं. ग्राहक सिर्फ उनकी दुकान का नाम देखकर रुकते हैं और उसके बाद इसके मुंह उनका समोसा लग जाता है, वह उसका टेस्ट लेने के लिए दोबारा उनकी दुकान पर आता है. लेटे-लेटे दुकान के नाम रखने का आया ख्याल बस इसी यूनिक नाम से नई पहचान मिल गई.'
समोसा दुकान में 15-20 लोगों को रोजगार. 'अन्य दुकानदार देते हैं धमकियां': केवल सिंह ने बताया कि '4 महीने पहले ही उन्होंने यह कार्य शुरू किया था और 4 महीने से अब तक वह रोजाना ढाई से 5000 समोसे बेच देते हैं और कम रेट के चलते अन्य दुकानदार इसे परेशान है कई बार उन्हें दुकानदारों द्वारा धमकी भी दी जा चुकी है और रास्ते में कई बार उनके कारीगरों पर भी हमला किया गया है.'
क्या कहते हैं ग्राहक?: समोसा खाने आए लोगों का कहना है कि 'यहां के समोसे की बात ही अलग हैं. समोसे के साथ-साथ चटनी लाजवाब है. आज के समय में इतने कम दाम में ऐसा समोसा मिलना बहुत मुश्किल है. यही वजह है कि यहां समोसा खाने आते हैं.'
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