पानीपत: पहले के समय में जेल के अंदर कैदियों से आटा चक्की से गेहूं पीसने का कार्य लिया जाता था. पर थोड़े समय पहले जेल में चक्की भी बिजली से संचालित होने लगी. अब पानीपत की जेल में आटा चक्की के साथ सरसों का तेल निकालने वाले कोल्हू लगाए गए हैं. कोल्हू से जेल में बंद बंदी तेल निकालने का कार्य करते हैं. जेल में निकाले गए सरसों के तेल की शुद्धता के कारण उसकी डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है.
6 महीने से चल रहा जेल में तेल निकालने का काम: हरियाणा में पानीपत, गुड़गांव और करनाल की जेल में लगभग 1 साल पहले सरसों का तेल निकालने वाले कोल्हू लगाए गए थे. बाकी जिलों को छोड़कर पानीपत जिले में इस कोल्हू को 6 महीने पहले शुरू किया गया है. 6 महीने में जेल से तैयार हुए सरसों के तेल की मांग बाजार में बढ़ने लगी है. अभी जेल प्रशासन सिर्फ एक ही सप्लायर्स को तेल की सप्लाई कर रहा है.
तेल की शुद्धता के कारण मांग में बढ़ोतरी: डीएसपी जोगिंदर सिंह बताते हैं कि सिर्फ एक कंपनी के साथी एग्रीमेंट हुआ है. तेल की शुद्धता को देखते हुए एक ही कंपनी की डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है. तेल की शुद्धता के कारण कंपनी के पास तेल की मांग ज्यादा शुरू हो गई है. कंपनी ही उनको बड़े ऑर्डर दे रही है.
जेल में फर्नीचर बनाने के लिए भी मशीन: डीएसपी जोगिंद्र सिंह ने बताया कि पहले जेल सरकार के लिए एक बड़ा खर्च साबित होती थी. क्योंकि यहां कैदियों की सुरक्षा से लेकर खाने-पीने तक की व्यवस्था तक सरकार का एक बड़ा खर्च आ जाता था. लेकिन, अब कैदियों की स्किल को देखते हुए जेल के अंदर चार फैक्ट्रियां लगाई गई हैं. सबसे ज्यादा सरसों का तेल निकालने वाली फैक्ट्री ही है, जो जेल की इनकम को लगातार बढ़ा रही है और मुनाफा दे रही है. इसके अलावा जेल में फर्नीचर बनाने और दरी बनाने की खड्डी भी लगाई गई है और साथ ही कागज के दोने भी जेल के अंदर बनाए जा रहे हैं.