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पानीपत के चाचा भतीजे की जोड़ी ने किया कमाल, लाखों की नौकरी छोड़ गुड़ के बिजनेस ने किया मालामाल, कई लोगों को दिया रोजगार - पानीपत

Panipat Jaggery business : पानीपत में चाचा भतीजे की जोड़ी ने आज के युवाओं को राह दिखायी है जो सरकारी नौकरी पाने के लिए परेशान रहते हैं.चाचा भतीजा दोनों इंजीनियर हैं लेकिन उन्होंने अपनी अच्छी खासी नौकरी को छोड़कर खुद का व्यवसाय स्टार्ट किया और लोगों को रोजगार भी दिया.इन्होंने गुड़ बनाने का काम शुरु किया और देखते ही देखते इनकी डिमांड देश क्या विदेश में भी होने लगी.

panipat Jaggery business became rich after leaving jobs worth lakhs Gave employment to many people
गुड़ के बिजनेस ने किया मालामाल

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 2, 2023, 1:01 PM IST

गुड़ के बिजनेस ने किया मालामाल

पानीपत : पानीपत के ताजपुर गांव के रहने वाले चाचा भतीजा विजय और रिंकू आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है.दोनों इंजीनियर थे ,अच्छी खासी नौकरी कर रहे थे लेकिन उन्हें लगा कि अपना खुद का व्यवसाय शुरु किया जाए जिससे आस पास के लोगों को रोजगार भी मिल सके और खुद की कमाई भी हो सके.लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए उन्होंने आर्गेनिक गुड़ बनाने का बिजनेस शुरु किया.खुद की जमीन पर गन्ना उपजाया और नवीन तकनीक का इस्तेमाल कर के गुड़ बनाना प्रारंभ किया.

कहां से आया आइडिया ?: रिंकू बताते हैं कि उनके दादाजी माहल सिंह जो आर्मी में जवान थे, छुट्टियों में एक बार घर आये हुए थे.उन्होंने गली में गुड़ बेचने वाले से गुड़ खरीदा जिसमें कीड़ा था.इससे उन्हें बहुत निराशा हुई.उन्होंने छोटे स्तर पर अपने खेत में ही गुड़ बनाने का कलेसर लगा दिया.बाद में चाचा भतीजे की जोड़ी ने ऑर्गेनिक गुड़ बनाने का काम शुरु कर दिया.धीरे धीरे इनके गुड़ की डिमांड बढ़ने लगी.रिंकू बताते हैं कि शुरुआत की थी तब वह अपने 20 एकड़ में ही ऑर्गेनिक विधि से गन्ना उगाते थे,जब उनका व्यापार चलने लगा तो उन्होंने आसपास के खेतों को भी ठेके पर ले लिया और खेती शुरु कर दी .आज तकरीबन120 एकड़ में ऑर्गेनिक तरीके से गन्ने की खेती करते हैं.

देश के साथ विदेश में भी है डिमांड: गुड़ की क्वालिटी अच्छी होने के कारण लोग खुद ब खुद उनके कलेसर पर ही गुड़ खरीदने आ जाते हैं.स्थानीय मार्केट के अलावा विदेश में भी गुड़ की सप्लाई करते हैं.जो लोग विदेश में बसे हुए हैं वे अपने साथ गुड़ लेकर जाते हैं.इस समय उनके यहां चार प्रकार का गुड़, खांड और शक्कर बनाई जाती है.एक खास सुविधा इनके कलेसर पर उपलब्ध है.जो लोग चाहते हैं कि गुड़ में ड्राई फ्रूटस भी रहे तो आर्डर देकर बनवा सकते हैं.यही कारण है कि ग्राहक बड़ी संख्या में उनके कलेसर पर पहुंचते हैं.

लोगों को दिया रोजगार: स्थानीय लोगों को चाचा भतीजे की जोड़ी ने रोजगार भी मुहैया कराया है.110 लोग इनके कलेसर पर काम करते हैं.जो लोग इनके यहां काम करते हैं वे छोड़ कर कहीं दूसरी जगह नहीं जाते हैं.गन्ने की रोपाई से लेकर गुड़ बनाने तक के काम में स्थानीय लोगों को रोजगार मिला हुआ है.व्यवस्थित ढंग से काम करने के कारण कामगारों को काम करना अच्छा भी लगता है.उन्हें इस बात का भरोसा होता है कि वे एक अच्छा प्रोडक्ट बना रहे हैं.

सालाना टर्न ओवर करोड़ों में: रिंकू के अनुसार आज उनका सालाना कारोबार सात से आठ करोड़ तक पहुंच गया है .जब इनलोगों ने गुड़ बनाने का काम शुरू किया था तो सालाना टर्न ओवर मात्र दो से तीन लाख था लेकिन अपनी मेहनत,लगन और ईमानदारी को बदौलत चाचा भतीजे की जोड़ी ने सफलता की कहनी गढ़ दी है जो अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक भी है .

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