पानीपत: बात हरियाणा के पानीपत में स्थित एक पूड़ी-कचौड़ी दुकान (panipat famous chimanlal kachori shop) की. जो पानीपत वालों के लिए ही नहीं बल्कि दूर दराज के लोगों के लिए भी किसी पकवान से कम नहीं है. अगर शुद्ध सात्विक खाना पसंद करते हैं और जायका आपकी जुबान पर चढ़ा है तो ये दुकान आपके लिए सही ठिकाना साबित हो सकती है.
चिमनलाल की ये दुकान वैसे तो 150 साल पुरानी है, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी (former prime minister atal bihari vajpayee) जब प्रधानमंत्री हुआ करते थे तो वो यहां कचौड़ी खाने आए थे. तब से चिमनलाल की कचौड़ियां इतनी मशहूर हुई कि उनकी किस्मत चमक गई.
यहां की कचौड़ियों से अटल बिहारी वाजपेयी (atal bihari vajpayee panipat kachori love) के प्रेम का अंदाजा आप ऐसे लगाइए कि उन्होंने देखा कि सभा में मौजूद लोगों में जोश नहीं है तो उन्होंने जोर से कहा कि 'क्या आज आप लोग पानीपत के चिमन की मलाई-कचौड़ी नहीं खाकर आए हैं?
दरअसल, ये किस्सा है साल 2001 का, जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पानीपत की रिफाइनरी (atal bihari vajpayee panipat refinery visit) के दौरे पर थे. यहां भाषण देते वक्त जब उन्हें तालियों की गड़गड़ाहट नहीं सुनाई दी तो उन्होंने अपने भाषण में कहा रि क्या पानीपत वाले चिमनलाल की कचोरी खा कर नहीं आए हैं?. कहा जाता है कि इस भाषण में जिक्र होने के बाद पानीपत के डीसी ने चिमनलाल से मुलाकात की थी और उस दिन के बाद भी चिमनलाल कचौड़ी वाले के नाम से जाना गया और उसकी दुकान में ग्राहकों की भीड़ बढ़ गई.
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