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पानीपत में शव भी कर रहे डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने का इंतजार - पानीपत सिविल अस्पताल

Panipat Doctor Strike: हरियाणा में डॉक्टरों की हड़ताल के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है. यहां तक कि पानीपत सिविल अस्पताल में शव भी पोस्टमॉर्टम के इंतजार में पड़े हैं. परिजन सीएमओ से गुहार लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 29, 2023, 3:50 PM IST

हरियाणा में शव भी कर रहे डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होने का इंतजार

पानीपत: सरकार और डॉक्टरों के बीच चल रही खींचतान के बीच प्रदेश की आम जनता पिस रही है. सांकेतिक हड़ताल के बाद डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है. 27 दिसंबर को डॉक्टरों ने केवल ओपीडी सेवा बंद की थी, सरकार के साथ मांगों पर कोई सहमति नहीं बनने के बाद शुक्रवार से ऑपरेशन भी बंद कर दिया गया. अब केवल इमरजेंसी सेवा चालू है.

शवों को पोस्टमार्टम का इंतजार- पानीपत सिविल अस्पताल में हड़ताल के चलते जिंदा मरीजों के साथ ही मुर्दा भी परेशान हैं. सबसे बड़ी समस्या उन मृतकों के परिजनों को आ रही है जिनकी डेड बॉडी शव गृह में रखी हुई है. अस्पताल में आए मरीजों ने बताया की ओपीडी के लिए डॉक्टर बाहर से बुलाए गए हैं. बाहर से आए डॉक्टर ही इमरजेंसी सेवाओं को देख रहे हैं. हालांकि सभी गंभीर मरीजों को पीजीआई रेफर किया जा रहा है.

पानीपत सिविल अस्पताल में 5 शव- एक मृतक के परिजन ने बताया कि उनका 21 साल का मूक बधिर भाई ट्रेन हादसे का शिकार हो गया. कल से उसकी डेड बॉडी पानीपत सिविल अस्पताल में ही रखी हुई है. अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ है. जब वो अपनी समस्या को लेकर सीएमओ के पास गए तो उन्होंने बताया कि 2 बजे के बाद डॉक्टर जाकर पोस्टमार्टम करेंगे. अभी तक पानीपत सिविल अस्पताल में पांच डेड बॉडी आ चुकी हैं, जिनका पोस्टमार्टम नहीं हुआ है.

पोस्टमार्टम करवाने आए जीआरपी के जांच अधिकारी ने बताया कि सुबह से डेड बॉडी की कागजी कार्रवाई पूरी की जा चुकी है लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल के कारण शव मोर्चरी में ही पड़ा है. सिविल सर्जन ने आश्वासन दिया है इसलिए वो इंतजार कर रहे हैं ताकि मारे गए लोगों का पोस्टमार्टम करवाकर शव को परिजनों को सौंप दिया जाए.

हड़ताल के चलते पानीपत सिविल अस्पताल की सभी सेवाएं बंद रहीं.

डॉक्टरों की मांग क्या है- दरअसल हरियाणा मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन की मांग है कि प्रदेश में खाली डॉक्टर के पद जल्द से जल्द भरे जाएं. मेडिकल पीजी में छात्रों के लिए बॉन्ड राशि एक करोड़ की जगह 50 लाख की जाए. इसके अलावा डॉक्टर अपने लिए विशेष कैडर की मांग कर रहै हैं. साथ ही सीएमओ की सीधी बर्ती पर रोक लगाने की भी मांग है.

27 को की थी सांकेतिक हड़ताल- हरियाणा मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने 27 दिसंबर को भी सांकेतिक हड़ताल की थी. इस दौरान उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर गौर नहीं किया तो ये हड़ताल अनिश्चितकालीन में तब्दील हो जायेगी. 27 तारीख को स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने डॉक्टरों की मांग को नाजायज बताया था. 29 तारीख की हड़ताल को रोकने के लिए डीजी हेल्थ के साथ देर रात तक बातचीत चलती रही लेकिन कोई सहमति नहीं बनी. डॉक्टरों ने अब इमरजेंसी को छोड़कर सभी सेवाएं बंद कर दी है.

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