पानीपत: हरियाणा पुलिस ने पानीपत सेक्टर 29 थाना में ट्रांसपोर्टर पति पर गंभीर आरोप लगाने वाली महिला के झूठ का पर्दाफाश किया है. महिला ने अपने पति पर गर्भपात समेत अन्य संगीन आरोपों के तहत मामला दर्ज करवाया था. दो साल आठ महीने बाद पुलिस ने महिला की शिकायत पर दर्ज मुकदमे को रद्द कर दिया है. इतना ही नहीं, महिला के खिलाफ 182 के तहत कार्रवाई करते हुए कोर्ट में कलंदरा पेश कर दिया है.
इस बारे में सेक्टर 29 थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राकेश कुमार ने बताया कि महिला की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया था, लेकिन जांच में सभी आरोप झूठे और बेबुनियाद मिले. जिसके बाद मुकदमा खारिज करते हुए महिला के खिलाफ 182 के तहत कार्रवाई की है. दरअसल 4 अप्रैल 2021 को महिला ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उसकी तीन फरवरी 2013 को झज्जर के गोच्छी गांव निवासी सोमबीर से शादी हुई थी.
आरोप था कि दूल्हे पक्ष ने बारात से पहले 15 लाख रुपये नकद लिए थे. उसके बाद फेरे लिए. महिला ने बताया कि जब वो ससुराल गई तो उसे कम दहेज लाने पर प्रताड़ित किया जाने लगा. महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति के भाभी के साथ नाजायज संबंध हैं, जिसके चलते वो उसे प्रताड़ित करते थे. महिला कहा कि शादी के कुछ महीने बाद जब वो दो महीने की गर्भवती थी, तो उसे बुखार हुआ.
आरोप है कि उसके पति ने डॉक्टर के पास ले जाकर महिला को गर्भपात की दवाई दिलवा दी. जिससे उसका गर्भपात हो गया. महिला ने ससुरालियों पर 30 लाख रुपये लेने की मांग का आरोप लगाया. पुलिस ने 19 अप्रैल 2021 को महिला की शिकायत पर उसके पति, सास, ससुर, जेठ व जेठानी पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. पानीपत डीएसपी वीरेंद्र सैनी ने मामले की जांच की, जिसमें गर्भपात के आरोप झूठे मिले.
इसके अलावा ससुर पर लगाया गया छेड़छाड़ का आरोप भी झूठा मिला, क्योंकि ट्रांसपोर्टर पति सोमबीर रायगढ़, छत्तीसगढ़ में रहता है. उसका परिवार झज्जर में रहता है. इन आरोपों के अलावा दहेज प्रताड़ना के सबूत भी महिला पेश नहीं कर पाई. खाते में हुई 12 लाख 75 हजार की ट्रांजेक्शन की जांच में सामने आया कि सोमबीर और महिला के पिता के बीच पुराना लेनदेन हुआ. वो दहेज से संबंधित नहीं था.