पानीपत: एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडी राजस्थान के बीकानेर में (Asia Largest Wool Market In Bikaner) है लेकिन आजादी से पहले पानीपत में बनी ऊन की मंडी एशिया की सबसे बड़ी मंडियों में शुमार थी. उस वक्त यहां 15 से 20 लाख किलो ऊन बिकने के लिए आया करती थी. जो अब सिमटकर एक लाख किलो तक पहुंच गई है. मौजूदा हालात में मंडी के हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि मंडी में महज दो प्रतिशत का काम बाकी रह गया है. कभी पानीपत की इस ऊन मंडी में 30 से 40 आढ़ती हमेशा माल की बोली के लिए खड़े रहते थे लेकिन अब सिर्फ चार ही आढ़ती यहां रह गए हैं.
पानीपत की इस ऊन मंडी के व्यापारियों और आढ़तियों का कहना है वह इस व्यवसाय को 8 दशकों से करते आ रहे हैं. आज जो वो इस बदहाली को झेल रहे हैं इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ सरकार की देन है. इनका कहना है कि उनकी तीन-तीन पीढ़ियां इस व्यवसाय से जुड़ी है लेकिन अब वह अपने आने वाली पीढ़ियों को इस व्यवसाय में भी नहीं लाना चाहते. आढ़तियों ने बताया कि जीएसटी लगने से केवल हरियाणा में ऊन पर वैट लगता था जबकि बाकी राज्यों में कहीं पर भी टैक्स नहीं था. यही सबसे बड़ी वजह थी जिसकी वजह से यहां ऊन का व्यापार खत्म होता चला गया.