पानीपत: हरियाणा में हड़ताल पर बैठे क्लर्कों को सरकार ने बड़ा झटका दिया है. हड़ताल के चलते बंद पड़े राजस्ट्री के काम को दोबारा शुरू करने के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने रजिस्ट्री कार्य में क्लर्क की भूमिका को खत्म कर दिया है. सरकार ने फैसला लिया है कि, प्रदेश में अब रजिस्ट्री कराने वाले उपभोक्ता का आवेदन सीधे, तहसीलदार के पास जाएगा और वहीं से जमीन की रजिस्ट्री होगी. इसके लिए सरकार ने तहसीलों में प्रयोग किए जा वेब हैरिस सॉफ्टवेयर में भी बदलाव किया है. इससे क्लर्कों का लॉग इन हटा दिया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद अब क्लर्क एसोसिएशन ने तहसीलदार एसोसिएशन से हड़ताल में साथ देने की अपील की है.
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सरकार और एसोसिएशन के बीच कई बार हो चुकी है बैठक: बता दें कि हरियाणा में क्लर्क एसोसिएशन 5 जुलाई से हड़ताल पर डटे हुए हैं. सरकार और एसोसिएशन की तीन बार बैठक भी हुई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला. क्लर्क वर्तमान में 19,200 रुपये का मासिक वेतन ले रहे हैं. तीसरी बैठक में सरकार द्वारा 21,700 रुपये का मासिक वेतन क्लर्क एसोसिएशन को ऑफर किया था, लेकिन एसोसिएशन द्वारा सरकार का ऑफर ठुकरा दिया गया था.
क्लर्कों को हरियाणा सरकार ने बड़ा झटका. आज से काम नहीं तो वेतन नहीं नियम लागू: एसोसिएशन के ऐलान के बाद सरकार ने भी सोमवार से काम नहीं तो वेतन नहीं का नियम लागू कर दिया है. अब हड़ताल पर बैठने वाले कर्मचारियों को कोई भी वेतन नहीं मिलेगा. सरकार द्वारा लिए गए इन फैसलों से क्लर्क एसोसिएशन की परेशानी और बढ़ सकती है, लेकिन इस फैसले से जनता को लाभ मिलेगा. क्योंकि, पिछले एक महीने से लंबित पड़ी रजिस्ट्री और अन्य कार्य हो सकेंगे. फिलहाल क्लर्कों की हड़ताल अभी भी जारी है.
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ये है क्लर्कों की मांग: बता दें कि हरियाणा में क्लर्कों का बेसिक वेतनमान 19,900 रुपये है. क्लर्कों की मांग है कि इस राशि को बढ़ाकर 35,400 रुपये किया जाए. लेकिन, हरियाणा सरकार इतना पे स्केल बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में प्रदेश भर में क्लर्क अपनी मांग को लेकर कामकाज छोड़कर हड़ताल पर बैठे हैं. क्लर्कों की हड़ताल के कारण जनता को आए दिन भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर प्रदेश सरकार ने क्लर्कों की हड़ताल पर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है.
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