नई दिल्ली/पानीपत: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने वायु और जल प्रदूषण फैलाने पर इंडियन आयल के पानीपत रिफाइनरी पर 659 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि जुर्माने की इस रकम का इस्तेमाल इलाके में स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा.
एनजीटी ने पानीपत रिफाइनरी में वायु और जल प्रदूषण की जांच करने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया था. आपको बता दें कि इससे पहले एनजीटी ने पिछले मई महीने में पर्यावरण कानूनों का उल्लघंन करने पर पानीपत रिफाइनरी पर17 करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगाया था.
प्रदूषण फैलाने पर NGT ने पानीपत रिफाइनरी पर 659 करोड़ का जुर्माना लगाया - 659 crores on Panipat refinery
एनजीटी ने पानीपत रिफाइनरी में वायु और जल प्रदूषण की जांच करने के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया था. आपको बता दें कि इससे पहले एनजीटी ने पिछले मई महीने में पर्यावरण कानूनों का उल्लघंन करने पर पानीपत रिफाइनरी पर 17 करोड़ रुपए से ज्यादा का जुर्माना लगाया था.
एनजीटी पानीपत के सिंहपुरा सिथना ग्राम पंचायत के सरपंच सतपाल सिंह के पत्र को याचिका में तब्दील करते हुए सुनवाई कर रहा है. पत्र में कहा गया है कि इंडियन आयल के पानीपत रिफाइनरी की वजह से आसपास के तीन गांवों में वायु और जल प्रदूषण की समस्या पैदा हो गई है. पत्र में लिखा गया है कि इन गांवों के लोगों को कई बीमारियां हो रही हैं. प्रदूषण मापने वाली मशीन 2010 से खराब है.
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इस मामले पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य शामिल थे. इस कमेटी ने पाया कि इलाके में प्रदूषण मान्य स्तर से कई गुना ज्यादा है. वायु प्रदूषण इतना ज्यादा है कि लोगों के आंखों में जलन होती है. रिफाइनरी से निकलने वाला अनट्रिटेड कचरा जंगल में डाला जाता है जिससे भूजल प्रदूषित हो गया है.