पानीपत: आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में देश आजादी का अमृत महोत्सव (azadi ka amrit mahotsav) मना रहा है. इस महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों से 13 से 15 अगस्त तक अपने घरों की छतों पर तिरंगा फहराने की अपील की है. इसका असर भी पूरे देश में देखने को मिल रहा है, लेकिन कुछ लोग तिरंगे का अपमान करने से बाज नहीं आ रहे हैं. कहीं तिरंगे के अपमान की खबरें साने आ रही हैं तो कहीं तिरंगे को जबरदस्ती बेचने का मामला सामने आया है.
हरियाणा में कुछ राशन डिपो ने ऐसी शर्त रखी कि तिरंगा खरीदने पर ही लोगों को राशन मिलेगा. इस बीच पानीपत से कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं. जिसमें तिरंगे का अपमान हुआ है. रविवार को पानीपत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. वीडियों में सफाई कर्मचारी नगर निगम की कचरा ढोने वाली गाड़ी में तिरंगे (national flag insulted in panipat) को ले जाते दिखाई दे रहे हैं. कुछ लोगों ने इसका विरोध किया और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.
ये कैसा सम्मान, कहीं कूड़ा गाड़ी में ले जाया जा रहा तिरंगा, कहीं नियमों के साथ खिलवाड़ ईटीवी भारत की टीम ने हर घर अभियान (har ghar tiranga campaign) के तहत लगाए गए इन तिरंगों की पड़ताल की पता चला कि यहीं ऐसा तिरंगा फहराया गया है जिसमें अशोक चक्र बीच में होने की जगह दाई या फिर बाईं तरफ हैं. इसे लोगों में जानकारी का अभाव कहें या फिर लापरवाही, जो तस्वीरें सामने आई हैं वो शर्मनाक हैं. ईटीवी की पड़ताल में ये बड़ी खामियां भी सामने आई कि पानीपत सरकारी अस्पताल पर फटा हुआ तिरंगा फहराया गया था. जिसका अशोक चक्र भी केंद्र में नहीं है.
बीजेपी विधायक प्रमोज विज के घर राष्ट्र ध्वज से ऊपर लहरा रहा पार्टी का झंडा. वहीं शहरी विधायक प्रमोद विज के मॉडल टाउन निवास पर तिरंगे से लगभग 3 फीट ऊंचा BJP झंडा लहरा रहा है. वार्ड 7, राजीव कॉलोनी के गंदे नाले पर लगी ग्रिल पर तिरंगा लहराया गया है. दुकानों, घरों में तिरंगा झुका हुआ लगाया गया है. बाबरपुर मंडी में अशोक चक्र की गलत छपाई वाला तिरंगा बेचा जा रहा है. शहरभर में तिरंगे वितरित करने के लिए नगर निगम की कूड़े वाली रेहड़ियों में तिरंगे डाल कर ले जाए जा रहे हैं. कहीं तिरंगे में केसरियां रंग की जगह लाल रंग वाले तिरंगे लहराए गए हैं.
पानीपत सामान्य अस्पताल पर लहरा रहा झुका हुआ तिरंगा. तिरंगा फहराने का नियम: तिरंगा जमीन से नहीं छूना चाहिए. कोई दूसरा झंडा तिरंगे से ऊंचा नहीं होना चाहिए. तिरंगे का इस्तेमाल किसी तरह की सजावट के लिए नहीं किया जा सकता. किसी सामान या इमारत को ढकने के लिए कपड़े की तरह तिरंगे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए, जिसकी लंबाई-चौड़ाई 3:2 होनी चाहिए. केसरिया रंग हमेशा ऊपर रहना चाहिए, सफेद बीच में और हरा सबसे नीचे. झंडे के बीच में अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए. तिरंगे को पानी में नहीं डुबोया जा सकता. फटा हुआ, गंदा या जला हुआ तिरंगा नहीं फहरा सकते. किसी को सलामी देने के लिए झंडा झुकाया नहीं जा सकता. तिरंगे में आप किसी तरह की तस्वीर या पेंटिंग नहीं लगा सकते. अगर तिरंगा फहराते वक्त कोई इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसे 3 साल की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा दी जा सकती है.
कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों में ले जाया जा रहा तिरंगा. बता दें कि पहले आम आदमी को अपने घर या दफ्तर पर तिरंगा फहराने की अनुमति नहीं थी, लेकिन 2002 में सरकार ने भारतीय ध्वज संहिता में बदलाव करते हुए आम लोगों को तिरंगा फहराने की अनुमति दे दी, लेकिन तब केवल दिन में ही झंडा फहराने की इजाजत दी गई थी, लेकिन 20 जुलाई 2022 को केंद्र सरकार ने भारतीय झंडा संहिता के पैरा 2.2 के खंड 11 में बदलाव करते हुए जनता को दिन-रात झंडा फहराने की अनुमति दी. इसके अलावा अब पॉलिस्टर या मशीन से बने झंडे भी फहराए जा सकते हैं, जिसकी इजाजत पहले नहीं थी. पहले केवल हाथ से बुने और ऊन, कपास या खादी से बने तिरंगे को ही फहराया जा सकता था. लेकिन अब हर कोई अपने घर पर तिरंगा फहरा सकता है.