पानीपत:'गोल्डन ब्वॉय' नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) आज किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं है. उनके लाखों चाहने वाले हैं. देश-दुनिया में उनकी पहचान है. ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के बाद तो जैवलिन चैंपियन नीरज चोपड़ा (Javelin throw Athletics Neeraj) पर सरकार भी करोड़ों रुपये के इनाम की घोषणा कर चुकी है, लेकिन नीरज की इस सफलता के पीछे उनके संघर्ष को शायद कोई नहीं जानता. नीरज चोपड़ा के चाचा सुरेंद्र ने ईटीवी भारत की टीम से नीरज की शुरूआती संघर्ष की कहानी (Neeraj Chopra struggle Story) को साझा किया.
नीरज चोपड़ा के चाचा सुरेंद्र चोपड़ा का कहना है कि उनके घर के हालात शुरू से सामान्य नहीं थे. छोटी-सी खेती की जमीन पर पूरे परिवार का गुजारा होता था, लेकिन जब नीरज खेलने लगा तो उसकी जरूरत की चीजें खरीद नहीं सकते थे. नीरज के प्रैक्टिस करने के लिए जैवलिन, जूते और अन्य चीजें उस समय उनके लिए बहुत महंगी हुआ करती थी. सुरेंद्र चोपड़ा बताते हैं कि जब नीरज प्रैक्टिस करने के लिए इन्हें खरीदने की बात की तो घर में ऐसी स्थिति हो गई जैसे बच्चा आसमान से तारे तोड़ लाने की बात कह रहा हो.
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