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लापरवाही पड़ी भारी! इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की मौत मामले में हाईकोर्ट ने बिजली निगम पर लगाया 1.41 करोड़ का जुर्माना - Electricity Corporation panipat

पानीपत के तहसील कैंप में बिजली निगम की लापरवाही के कारण IOCL के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने बिजली निगम पर भारी जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 1.41 करोड़ रुपए जमा करवाने के निर्देश दिए हैं. (IOCL electrical engineer death case)

Electrical engineer death due to negligence of Electricity Corporation
बिजली निगम की लापरवाही के कारण इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की मौत

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Published : Mar 27, 2023, 3:59 PM IST

Updated : Mar 27, 2023, 5:34 PM IST

एडवोकेट राजकुमार जीवन

पानीपत: साल 2015 में हरियाणा के पानीपत में बिजली निगम की लापरवारी के कारण करंट लगने से एक इलेक्ट्रिक इंजीनियर की मौत हो गई थी. इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए बिजली निगम को 1.41 करोड़ रुपये जमा कराने के आदेश दिए हैं. इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने 1.75 करोड़ की राशि जमा करवाने के आदेश दिए थे. ट्रायल कोर्ट के फैसले को बिजली निगम ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. बिजली बोर्ड की दरख्वास्त के बाद हाई कोर्ट ने फिलहाल 50 लाख रुपये की पेमेंट पर स्टे लगा दिया है लेकिन बाकी के 1.41 करोड़ रुपये तत्काल देने के आदेश किए हैं.

ये है पूरा मामला- एडवोकेट राजकुमार जीवन के मुताबिक ये मामला 22 अगस्त 2015 का है. पानीपत IOCL में कार्यरत चीफ इंजीनियर नरेश कुमार अपने भाई सुरेश कुमार के साथ संजय चौक स्थित हैदराबादी अस्पताल से अपने घर सेक्टर-18 के लिए निकला था. दोनों लोग स्कूटी पर सवार थे, राजकुमार के मुताबिक उस दिन काफी बारिश हुई थी. जब दोनों भाई पानीपत में तहसील कैंप के बंदा बहादुर गुरुद्वारा के पास पहुंचे, तो वहां गली में एक लोहे का बिजली का पोल सड़क पर झुका हुआ था. जिस पर बिजली की तारें बंधी हुई थीं. बारिश के कारण गली में पानी भी भरा हुआ था. जैसे ही इंजीनियर नरेश की स्कूटी पोल के करीब पहुंची तो अचानक पोल नीचे गिर गया और नरेश कुमार के ऊपर आ गिरा. जिसके बाद करंट की चपेट में आने से नरेश की मौके पर ही मौत हो गई.

कोर्ट पहुंचा मामला- इस हादसे में नरेश की मौत के बाद परिजनों ने बिजली निगम के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने बिजली निगम को आदेश दिए कि वो पीड़ित पक्ष को 1.75 करोड़ का मुआवजा दे. इस फैसले को बिजली निगम ने हाई कोर्ट में चैलेंज किया था. जहां हाई कोर्ट ने वहां भी कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बिजली निगम को कोई राहत नहीं दी. वहीं, कोर्ट ने बिजली निगम को राशि जमा करवाने के आदेश दिए.

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Last Updated : Mar 27, 2023, 5:34 PM IST

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