पानीपत: बदलते युग में हर वह चीज संभव होती जा रही है जिसकी पहले सिर्फ कल्पना की जा सकती थी विज्ञान हो या कृषि हर क्षेत्र में इंसान दिन प्रतिदिन प्रगति करता जा रहा है. कृषि विविधीकरण द्वारा अब किसान भी स्मार्ट खेती की तरफ अग्रसर हो रहा है अब किसान हवा में आलू पानी में टमाटर उगा कर अपनी आय को तो दुगना कर ही रहे हैं वही पानी जैसी अमूल्य वस्तु की बचत कर रहे हैं.
अब हवा और पानी से ही किसान कर रहे खेती:क्या आप जानते हैं बिना मिट्टी के भी सब्जियां उगाई जा सकती हैं. बिना मिट्टी के टमाटर गोभी बैंगन पालक जैसी हरी सब्जियां उगाई जा सकती हैं. ऐसा कर दिखाया है पानीपत की रहने वाली महिला किसान गुंजन भाटिया ने. गुंजन भाटिया प्रदेश की ऐसी पहली महिला हैं, जिन्होंने सिर्फ पानी में खेती की है. गुंजन भाटिया ने बताया कि इस तकनीक को हाइड्रोपोनिक तकनीक कहा जाता है और इस तकनीक से भूमि पर उगाए गए पौधे से ज्यादा प्रोडक्शन ली जा सकती है गुंजन भाटिया ने अभी सिर्फ 5 एकड़ में हाइड्रोपोनिक यूनिट लगाई है और इस यूनिट में सिर्फ टमाटर की खेती की है.
पानीपत में हाइड्रोपोनिक की पहली यूनिट: पानीपत जिले में हाइड्रोपोनिक की यह पहली यूनिट है जहां पर सब्जियों का उत्पादन शुरू हो चुका है. पानीपत की पहली हाइड्रोपोनिक यूनिट का निर्माण कार्य दिसंबर 2022 में पूरा हो गया था जिसके बाद इसमें सबसे पहले टमाटर की मौत को लगाया गया टमाटर की फसल बेचने से लेकर मार्केटिंग का काम कॉन्ट्रैक्ट पर दिया गया है.
क्या है हाइड्रोपोनिक तकनीक: हाइड्रोपोनिक्स एक ग्रीक शब्द है. इसका मतलब है बिना मिट्टी के सिर्फ पानी के जरिए ही खेती करना. वातानुकूलित पॉलीहाउस में लंबी लाइन वाले पानी के चेंबर में छोटी सुराख वाले गमले में पौधे लगाए जाते हैं. पौधे को सहारा देने के लिए पानी को ऑब्जर्व करने वाले छोटे कंकड़ गमले में डाल दिए जाते हैं और वाल्व द्वारा लंबी लाइन वाले वाटर चेंबर में पानी को भरा जाता है.
हाइड्रोपोनिक खेती में तापमान: हाइड्रोपोनिक खेती में तापमान 15-30 डिग्री के बीच रखा जाता है और आद्रता को 80-85 फीसदी रखा जाता है. पौधों को पोषक तत्व भी पानी के जरिए ही दिए जाते हैं. यह खेती पाइपों के जरिए होती है इनके ऊपर की तरफ से छेद के जाते हैं. उन्हीं छेदों में पौधे उगाए जाते हैं. पाइप में पानी होता है और पौधों की जड़ें में उसी पानी में डूबी रहती हैं. इस पानी में उन सभी पोषक तत्व को घोला जाता है जिसकी पौधों को जरूरत होती है. बागवानी विभाग के विशेषज्ञ के अनुसार हाइड्रोपोनिक तकनीक छोटे पौधे वाली फसलों के लिए अच्छी है.
हाइड्रोपोनिक तकनीक में 1 एकड़ में 10,500 पौधे: जब पौधा पानी से सभी पोषक तत्व सोख लेता है तो उस पानी को दोबारा से आरओ द्वारा फिल्टर कर प्रयोग में लाया जाता है. जिससे पानी की खपत भी उतनी ही होती है जितनी एक पौधे को जरूरत होती है. 1 एकड़ में लगभग 10,500 पौधे लगाए जाते हैं. एक पौधा एक सीजन में 14 से 15 किलो तक टमाटर का उत्पादन करता है. हर महीने एक एकड़ से 14,000 किलो टमाटर निकलता है.