पानीपत: मौसम के बदले मिजाज से इन दिनों पूरा हरियाणा शीतलहर की चपेट में है. ऐसी हाड़ कंपा देने वाली सर्द रातों में भी गरीब लोगों के लिए आसमां चादर और धरती ही बिछौना बन गया है. ठंड से बचने के नाम पर इन लोगों के पास कुछ गंदे फटे पुराने कंबल, बोरियां और प्लास्टिक की पन्नियां हैं. वहीं सरकार ने इन बेघर लोगों के लिए रैन बसेरे (night shelter in panipat) बनाने का दावा तो किया है, लेकिन ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं. पलवल में जहां रैन बसेरों पर ताले लटके मिले थे वहीं पानीपत में रैन बसेरा ऐसी जगह पर बनाया गया है जिसकी बेघर लोगों को जानकारी ही नहीं है, और ये लोग ठंड में बाहर सोने के लिए मजबूर हैं.
पानीपत में प्रशासन द्वारा रैन बसेरे तो बनाए गए हैं, लेकिन लोगोंं को इस बारे में पता ही नहीं है. पानीपत में हर दिन लोग काम की तलाश में दूसरे राज्यों से आते हैं और ठिकाना ना होने के चलते वह बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर ही रात गुजारने को मजबूर होते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब इन रैन बसेरों का जायजा लिया तो पता चला कि प्रशासन की ओर से रैन बसेरे तो बनाए गए हैं, लेकिन इनके बारे में बेसहारा लोगों को जानकारी ही नहीं है.
पहले रैन बसेरा पानीपत के बस स्टैंड के सामने हुआ करता था. जहां बेसहारा लोग पनाह ले कर अपनी रात गुजार लेते थे. अब जो रैन बसेरा बनाया गया है वह पानीपत के सनोली रोड और लाल बत्ती बाजार के सामने बनाया गया है. इसके बारे में लोगों को जानकारी ही नहीं है और ना ही बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर रैन बसेरे के कोई साइन बोर्ड लगाए गए हैं.