पानीपत: टेक्सटाइल नगरी के नाम से पूरे देश में मशहूर पानीपत का इतिहास काफी पुराना है. यह विश्व युद्ध का गवाह भी रहा है और पानीपत पूरे विश्व में अपने कंबल मार्केट की वजह से भी विख्यात है. यहां 90 रूपये से शुरू होकर 6 हजार रूपये तक के कंबल मिलते है. जिनमें सबसे ज्यादा बिकने वाला एक्रिलिक कंबल, मिंक कंबल, शौडी यार्न, पॉलिस्टर यार्न से बना कंबल, कोरियन मिंक कबंल है.
ऐसे में पानीपत में कंबल व्यवसाय के छोटे-बड़े उद्योग मिलाकर कुल 4 हजार दुकानदार हैं. इस कंबल मार्केट की दैनिक कमाई तकरीबन 30 करोड़ (Panipat Blanket Market Earnings) होती है. इतना ही नहीं पूरे देश में कंबल की रेट पानीपत का कंबल मार्केट ही तय करता है और देश के सभी राज्यों के व्यापारी यहां से थोक में कंबल खरीदते है.
पानीपत के कंबल मार्केट का इतिहास- पानीपत में बनने वाले कंबल का इतिहास लगभग डेढ़ सौ साल पुराना (history of Panipat blanket market) है और यहां से कंबल दुनिया के कोने कोने में पहुंचता है. ऐतिहासिक नगरी के इतिहास के साथ ही पानीपत के कंबल का इतिहास और एक्सपोर्ट भी काफी पुराना है. पहले विश्व युद्ध और दूसरे विश्व युद्ध में भी देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी यहीं से कंबल सप्लाई किया जाता था. सन 1902 में पानीपत का कंबल विदेशों में एक्सपोर्ट होना शुरू हुआ था और वर्तमान का इंसार बाजार उस समय कमलिया मार्केट के नाम से जाना जाता था. साथ ही यहां रहने वाले मुस्लिम संप्रदाय के लोगों को कंबलिया मुसलमान कहा जाता था.
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