पानीपत: हाल के दिनों में हार्ट अटैक (heart attack) के मामले काफी बढ़ गए हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक इसका सबसे बड़ा कारण है अनियमित जीवन शैली. आज इंसान भाग दौड़ भरी जिंदगी में इतना व्यस्त हो गया है कि ना उठने का सही समय है, ना सोने का और ना ही खाने का. यही वजह है कि, मानव का शरीर धीरे-धीरे बीमारियों का घर बनता जा रहा है. आज हम आपको बताएंगे कि हार्ट अटैक यानी दिल की बीमारी क्या है और कैसे हम आज की इस भागती दौड़ती जिंदगी में भी भी अपने इस कीमती हार्ट यानी दिल को संभाल कर रख सकते हैं.
डॉक्टरों ने बताया कि हृदय रोग (heart disease) की मुख्य वजह हाई ब्लड प्रेशर, शुगर है, जो भविष्य में हार्टअटैक के अलावा किडनी से लेकर आंखों और जोड़ों तक के दिक्कत की वजह बनती है. हाई बीपी से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है, क्योंकि लंबे समय तक बढ़ते दबाव के कारण धमनियां सिकुड़ जाती हैं. इससे हृदय को ब्लड पंप करने में परेशानी होती है. वहीं, दिल की बीमारी को लेकर कई तरह मिथ्य है. जैसे कि दिल को रोग पुरूषों को ज्यादा है. साथ ही हार्ट अटैक की समस्या भी पुरुषों में ज्यादा है, लेकिन रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि पुरुषों से ज्यादा औरतों की मृत्यु हार्ट अटैक (heart attack) से होती है.
हार्ट अटैक के मरीजों में इजाफा: उत्तर भारत में भी हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. अव्यवस्थित दिनचर्या के कारण ये बीमारियां किसी भी उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. चाहे युवा हो या बुजुर्ग. किसी भी आयु वर्ग में ये बीमारी घर कर रही है. डॉक्टरों का मानना है कि उत्तर भारत के हरियाणा पंजाब इलाके में हार्ट अटैक के मरीजों (heart attack patients in panipat) की संख्या बढ़ रही है और 38 से 40% मौत का आंकड़ा हार्ट अटैक का ही है. इसका मुख्य कारण खानपान और अव्यवस्थित दिनचर्य है. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तेजवीर ग्रेवाल ने बताया कि युवाओं ने में हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी आई है.