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हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने 3 SI को किया सस्पेंड, 4 SHO के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश, जानें पूरा मामला - पानीपत पुलिसकर्मियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने 3 SI को सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही अनिल विज ने 4 SHO के खिलाफ विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं. आखिर पूरा मामला क्या है, किस मामले में गृह मंत्री ने एसआई को सस्पेंड किया है, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (Anil Vij suspended 3 SI)

Anil Vij suspended 3 SI
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने 3 SI को किया सस्पेंड

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Published : Jun 7, 2023, 6:32 AM IST

पानीपत: हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज फिर से एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं. गृह मंत्री ने पानीपत पुलिसकर्मियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. अनिल विज ने लंबे समय से कबूतर बाजी के मामले में लापरवाही बरतने वाले 3 सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया है. वहीं, उस वक्त संबंधित थाने में बतौर प्रभारी रहे 4 थाना प्रभारियों के खिलाफ विभागीय जांच करने के निर्देश दिए हैं.

इन सब इंस्पेक्टर पर गिरी गाज: गृहमंत्री अनिल विज ने सब इंस्पेक्टर राजवीर सिंह, सब इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार और सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार को सस्पेंड किया है. गृह मंत्री के आदेशानुसार पुलिस महानिरीक्षक अंबाला रेंज द्वारा कार्रवाई के लिए पानीपत पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखा गया है.

ये है पूरा मामला: बता दें कि कबूतर बाजी के मामले में सबसे पहले जांच अधिकारी रहे राजवीर सिंह के पास इस केस की फाइल 10 महीने 12 दिन अटकी रही. जांच अधिकारी के बदलने के बाद सब इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार के पास 7 महीने फाइल पेंडिंग रही और सब इंस्पेक्टर विनोद कुमार के पास फाइल 9 महीने 11 दिन अटकी रही. इस दौरान जांच अधिकारी बदलते रहे लेकिन इन कबूतर बाजी करने वाले आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार तक नहीं किया. इस दौरान थाने के थाना प्रभारी रहे 4 एसएचओ सुनीता, कमलजीत, विजय और दीपक के खिलाफ डिपार्टमेंटल जांच के आदेश दिए हैं.

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लंबे समय तक पेंडिंग पड़ा रहा मामला: जानकारी के अनुसार पानीपत पुलिस के पास कबूतर बाजी का एक मुकदमा लंबे समय तक पेंडिंग पड़ा रहा, जिसमें पुलिस ने आरोपियों तक गिरफ्तार नहीं किया. हैरानी की बात यह है कि इस दौरान जांच अधिकारी बदलते रहे और आरोपी खुलेआम घूमते रहे. मामले में एक आरोपी को अमृतसर पुलिस के पीओ स्टाफ ने गिरफ्तार किया और उसके बाद पानीपत पुलिस ने अमृतसर कोर्ट से आरोपी के बारे में सिर्फ एक बार जानकारी ली. उसके बाद कोई जानकारी नहीं ली. 9 महीने तक चालान बनाने के बाद भी उसे कोर्ट में पेश नहीं किया गया. इस बड़ी लापरवाही के चलते आज गृह मंत्री का चाबुक इन पुलिसकर्मियों पर चला है.

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