पानीपत: हैंडलूम और टेक्सटाइल के प्रोडक्ट्स बनाकर विश्व में अपना सिक्का जमा चुके पानीपत के उद्योगपतियों ने अब फौजियों के लिए कपड़ा बनाने वाली मशीन बनानी शुरू कर दी है. एक तरफ भारत सरकार डिफेंस में आत्मनिर्भरता के लिए हथियार बनाने का काम कर रही है. दूसरी तरफ पानीपत के उद्यमियों ने सैनिकों को कपड़ा बनाने की मशीन बनाकर देनी शुरू कर दी है.
ये भी पढ़ें- पानीपत के टेक्सटाइल की विदेशों में बढ़ी मांग, इजराइल डेलिगेशन ने की खरीददारी
स्टील से भी मजबूत होगा कपड़ा! बताया जा रहा है कि इन मशीनों के माध्यम से जो कपड़ा बन रहा है. उस कपड़े के बने जूतों में फौजियों को कील भी नहीं लगेगी. दुर्गम स्थानों पर जाने वाले जवान इस कपड़े के बने जूते पहनेंगे. सिर्फ जूते ही नहीं, बल्कि स्पेशल क्राफ्ट और स्पेस में जाने वाले रॉकेट के लिए भी इस मशीन से बने कपड़े का इस्तेमाल हो सकेगा. इन मशीनों से बना कपड़ा स्टील से भी अधिक मजबूत होगा, लेकिन वजन में हल्का होगा. ऐसे कपड़े बनाने के लिए भी यहां मशीनें बन रही हैं.
लगभग 20 उद्योग टेक्सटाइल मशीनरी बनाने में लगे: पानीपत में लगभग 20 उद्योग टेक्सटाइल मशीनरी बनाने में लगे हैं. इनमें बेडशीट, कॉटन क्लॉथ, कारपेट बनाने की मशीन बनती हैं. पहले एक महीने में 3000 मीटर कपड़ा बनता था. यहां के उद्यमियों ने ऐसी मशीनें बना दी. जिनसे 3000 मीटर कपड़ा एक ही दिन में बनता है. 1979 से टेक्सटाइल मशीनरी बनाने वाले दशमेश कार्ड एवं पावरलूम कंपनी ने डिफेंस की जरूरतों को पूरा करने के लिए मशीनें बनानी शुरू की.