पानीपत: गैंगस्टर प्रसन्न उर्फ लंबू हरियाणा के कुख्यात गैंगस्टरों में शामिल है. वह अभी सलाखों के पीछे है लेकिन अपराध की दुनिया में उसके नाम का सिक्का अभी भी चल रहा है. कहा जाता है कि वह जेल से ही अपने गुर्गों के जरिए अपराध करवा रहा है. कोई भी व्यक्ति अपराधी नहीं बनना चाहता. किसी के अपराधी बनने के पीछे हालात, मजबूरी, रंजिश या दुश्मनी होती है. लेकिन कई बार शॉर्टकट तरीके से ज्यादा पैसा कमाने की चाहत उसे गैंगस्टर बना देती है.
कुख्यात गैंगस्टर प्रसन्न उर्फ लंबू की ना तो कोई मजबूरी थी और ना ही किसी से रंजिश. वह अपराध की दुनिया में नाम बनाने के लिए आया था. नाम कमाने की चाह ने एक सामान्य नौजवान को कुख्यात गैंगस्टर बना दिया. प्रसन्न नेशनल हाईवे 44 पर बने घनी आबादी के गांव शिवा का रहने वाला है. महज 16 साल की उम्र में लूट की वारदात में नाम आने पर सोनीपत जिले में लंबू के खिलाफ पहला केस दर्ज हुआ था. इसके बाद वह क्राइम के दलदल में धंसता चला गया.
सोनीपत में दर्ज हुआ पहला केस: पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 2007 में प्रसन्न उर्फ लंबू पर पहला मामला सोनीपत जिले में दर्ज हुआ. उसके बाद लगातार किसी न किसी अपराध में उसका नाम शामिल होने लगा. प्रसन्न उर्फ लंबू ने 2012 में फतेहाबाद की अनाज मंडी के ठेकेदार सुभाष की गोली मारकर हत्या की थी. इसके बाद हत्याओं का यह सिलसिला नहीं थमा. इस हत्याकांड के बाद प्रसन्न कुख्यात गैंगस्टर वीरेंद्र काना और सुरेंद्र टूंटी गैंग के संपर्क में आया.
साल 2012 में एसपी जींद के निवास स्थान के बाहर पुलिस कस्टडी में एक अपराधी को पेशी पर ले जाते समय पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग करने का मामला दर्ज हुआ. हरियाणा पुलिस ने इस वारदात के बाद प्रसन्न उर्फ लंबू और सुरेंद्र टूंटी पर एक-एक लाख का इनाम घोषित किया. उसके बाद 2012 में ही प्रसन्न उर्फ लंबू ने हिसार के रहने वाले अमरजीत मास्टर की हत्या कर दी.
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जमानत पर छूटने पर किए मर्डर: इसी वर्ष सोनीपत जिले के भीगल गांव में बृजेश की हत्या के मामले में प्रसन्न उर्फ लंबू का नाम सामने आया. वर्ष 2012 में सोनीपत पुलिस ने एक मुठभेड़ के बाद प्रसन्न उर्फ लंबू को गिरफ्तार कर लिया. 3 साल जींद जेल में रहने के बाद वह वर्ष 2015 में जमानत पर बाहर आया. इससे पहले ही प्रसन्न के दोस्त सुरेंद्र उर्फ टूंटी की सतबीर जब्बल गैंग ने घर पर ही गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी. दोस्त सुरेंद्र की हत्या का बदला लेने के लिए प्रसन्न उर्फ लंबू ने अपनी गैंग में लगातार शार्प शूटर की भर्ती करनी शुरू कर दी.
जमानत के एक महीने बाद ही 2015 में प्रसन्न उर्फ लंबू ने अपने दोस्त प्रदीप के साथ मिलकर सनौली के गांव गड़ी बेसक निवासी असजद की मामूली कहासुनी के बाद हत्या कर दी. दोस्त की मौत का बदला लेने के लिए प्रसन्न नई नई रणनीति बनाने में जुटा हुआ था. इसी बीच जबल गैंग को फाइनेंस करने वाले सफीदों निवासी और शराब के ठेकेदार नरेंद्र राठी की 2015 में गोली से भूनकर हत्या कर दी गई.
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इसी कड़ी में 2015 में प्रसन्न उर्फ लंबू की गैंग ने सोनीपत के गन्नौर निवासी सोनू पंघाल और उसके दोस्त शीला पर ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें सोनू पंघाल की मौत हो गई. लगातार हत्याओं को अंजाम दे रहे प्रसन्न उर्फ लंबू पर हरियाणा पुलिस ने इनाम की राशि बढ़ाकर ढाई लाख रुपए कर दी. इसी बीच वर्ष 2016 में हिसार आईजी एसटीएफ की टीम को सूचना मिली कि प्रसन्न उर्फ लंबू अपने साथियों के साथ सिरसा के रास्ते से राजस्थान जा रहा है.
गैंगस्टर को मिली थी एनकाउंटर की चेतावनी:हरियाणा और आस पास के राज्यों में अपराध का पर्याय बन चुके प्रसन्न उर्फ लंबू को डिंग क्षेत्र में मेहूवाला गांव के पास पुलिस टीम ने धर दबोचा था. यहां गैंगस्टर के साथ हरियाणा पुलिस की मुठभेड़ हुई थी, जिसमें लंबू ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी थी. इस पर एसटीएफ इंचार्ज ने उसे एनकाउंटर करने की चेतावनी दे डाली, जिससे लंबू डर गया और उसने पुलिस के सामने सरेंडर करने में ही अपनी भलाई समझी.
गैंगस्टर प्रसन्न उर्फ लंबू ने हरियाणा पुलिस के सामने सरेंडर किया. इस दौरान हुई मुठभेड़ में प्रसन्न उर्फ लंबू को काबू कर लिया गया. इस कुख्यात गैंगस्टर के पकड़े जाने पर हरियाणा पुलिस ने राहत की सांस ली. लेकिन अपराध का सिलसिला ज्यादा दिन तक नहीं रुक सका. हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, डकैती व रंगदारी के कई मामले में कुख्यात गैंगस्टर बन चुके प्रसन्न उर्फ लंबू की गैंग के गुर्गों की लिस्ट अब तक इतनी लंबी हो चुकी थी कि वह जेल में बैठा हुआ इसे ऑपरेट करने लगा.
जेल से गैंग ऑपरेट कर रहा है गैंगस्टर:बताया जा रहा है किप्रसन्न अब अपनी गैंग को जेल से ही ऑपरेट कर रहा है. लंबू के गुर्गों ने वर्ष 2017 में दिनदहाड़े तहसील कैंप में राकेश श्योकंद की हत्या की थी. 19 दिसंबर 2020 को रंगदारी नहीं देने पर शराब के ठेकेदार अजीत व उसके साथी सागर पर नूर वाला अड्डे पर ठेके के सामने प्रसन्न गैंग के गुर्गों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. जवाबी हमले में अजीत के गनमैन ने भी फायरिंग की.
फायरिंग में प्रसन्न उर्फ लंबू की गैंग का एक शार्प शूटर भी मारा गया. शराब का ठेकेदार अजीत भी बुरी तरह घायल हो गए. पुलिस के लिए चिंता की बात है कि जेल में होने के बावजूद अपराध का सिलसिला लगातार जारी है. आज प्रसन्न उर्फ लंबू पर 10 हत्या और 15 हत्या के प्रयास जैसे कई संगीन मामले दर्ज हैं.