पानीपत: यमुनानगर के हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी के पानी ने चारों ओर तबाही ला कर रख दी है. जहां तक नजर वहां तक पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. यमुनानगर करनाल और पानीपत तबाही मचाने के बाद यमुना नदी का पानी अब दिल्ली में भी प्रवेश कर चुका है. हरियाणा में तबाही मचाने के बाद अब यमुना नदी के पानी ने दिल्ली में हाहाकार मचा दी है.
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पानीपत में फिलहाल यमुना नदी अभी भी खतरे के निशान पर बह रही है. यमुना नदी के तलहटी के क्षेत्रों में हजारों एकड़ फसलें तबाह हो चुकी है. सड़कें और खेत सब बराबर दिखाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं कहीं गांव से संपर्क टूट चुका है. जल प्रलय से अभी तक कोई भी राहत नहीं मिली है और ना ही किसी प्रकार का राहत कार्य शुरू किया गया है. क्योंकि जलस्तर अभी तक कम नहीं हुआ है. लोगों का कहना है कि प्रशासन जल्दी गांवों की सुध लें. कुछ ऐसे गांव हैं, जहां तक प्रशासन अभी तक पहुंच नहीं पाया है और न ही उन तक कोई राहत सामग्री पहुंची है. अब लोग खुद ही सुरक्षित स्थानों की और पलायन करने लगे हैं.
यमुना नदी में सबसे ज्यादा पानी 1977 में आया था. जिसने यमुना तलहटी के क्षेत्रों में तबाही मचा दी थी. उसके बाद 2013 में आई जल प्रलय ने 1977 का रिकॉर्ड तोड़ दिया था. अब 47 साल बाद सबसे ज्यादा पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है. जिसने आसपास के सभी क्षेत्रों को जलमग्न कर दिया है. प्रभावित इलाकों में अभी तक कोई भी राहत नहीं मिल पाई है.