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पानीपत में मछली पालक उड़ा रहे नियमों की धज्जियां, पक्षियों की हो रही मौत, पशु भी हो रहे बीमार - पानीपत में प्रतिबंधित मछलियां

पानीपत में मछली पालन (fish farmers in panipat) के लिए किसान या तो अपने नए तालाब बनवाते हैं या फिर गांव में बने पंचायती तालाब को पट्टे पर लेते हैं और इन तालाबों में मछली पालक प्रतिबंधित मछलियां डाल रहे हैं.

fish farmers are rearing banned fish in panipat
fish farmers are rearing banned fish in panipat

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Published : Oct 13, 2022, 11:14 AM IST

पानीपत: हरियाणा में मत्स्य पालक थोड़े से लालच के लिए नियमों की सरेआम अवहेलना कर रहे हैं. जिसकी वजह से पक्षियों की जान खतरे में है. ना तो प्रशासन को इसकी को भनक है और पुलिस को. जिससे ग्रामीणों में रोष बना हुआ है. दरअसल पानीपत में मछली पालन (fish farmers in panipat) के लिए किसान या तो अपने नए तालाब बनवाते हैं या फिर गांव में बने पंचायती तालाब को पट्टे पर लेते हैं और इन तालाबों में मछली पालक प्रतिबंधित मछलियां डाल रहे हैं.

इन मछलियों की सुरक्षा के लिए तलाब के ऊपर धागे से बने जाल को लगा दिया गया है. जिससे बेजुबान पक्षियों की इनमें फंसकर लगातार मौत हो रही है. पानीपत के जोशी गांव के ग्रामीणों ने कहा कि ठेकेदार द्वारा ये तालाब किराए पर लिया गया है और तालाब बेहद गंदा हो चुका है. जिसके कारण उनके पशु भी बीमार पड़ चुके हैं और कई पशुओं की मौत भी हो चुकी है. ठेकेदार द्वारा इन तालाबों में प्रतिबंधित मांगुर प्रजाति की मछली डाली गई हैं, जो कि तालाब को गंदा करती हैं.

पानीपत में मछली पालक उड़ा रहे नियमों की धज्जियां, पक्षियों की हो रही मौत, पशु भी हो रहे बीमार

मछली पालक अपने थोड़े से फायदे के लिए और इन मछलियों को बचाने के लिए तालाब के ऊपर प्लास्टिक के धागे से बना जाल भी लगा देते हैं. जिसके कारण विलुप्त होती प्रजाति के पक्षी फर्स्ट रोजाना पक्षी मर रहे हैं. इन मछलियों को जल्दी बड़ा करने के लिए मछली पालन गला सड़ा मास तालाबों में फेंक रहे हैं. जिस कारण तालाब का पानी भी बिल्कुल काला पड़ चुका है. ग्रामीणों (Panipat Joshi Village) के मुताबिक जब पशु इस पानी को पीते हैं तो उनकी भी तबीयत बिगड़ती है.

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ग्रामीणों ने कहा की इस बारे में कई बार अधिकारियों को भी शिकायत दी गई है, परंतु इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द ही इस तालाब के पानी से प्रतिबंधित मछलियों को बाहर निकाला जाए और तालाब की सफाई करवा कर साफ पानी दोबारा भरवाया जाए. ताकि उनके पालतू पशु भी स्वस्थ रह सकें और पक्षियों को भी बेवजह अपनी जान ना गंवानी पड़े.

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