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हरियाणा की इस दरगाह में पत्थर के पानी से होता है हर जहर का इलाज! सैकड़ों साल पुराना है इतिहास

हरियाणा के पानीपत में बू अली कलंदर शाह की दरगाह देश और दुनिया में काफी प्रसिद्ध है. ये दरगाह कई मायनों में खास है. कहा जाता है इसे इंसानों ने नहीं बल्कि जिन्नों ने बनाया था. इस दरगाह में जहर मोहरा नाम का पत्थर भी है. मान्यता है कि इसके पानी से हर तरह के जहर का इलाज हो जाता है.

bu ali qalandar shah dargah
bu ali qalandar shah dargah

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Published : Jun 17, 2023, 12:09 PM IST

Updated : Jun 17, 2023, 2:21 PM IST

हरियाणा की इस दरगाह में पत्थर के पानी से होता है हर जहर का इलाज! देखें वीडियो

पानीपत: आज के इस आधुनिक दौर में भी कई ऐसी मान्यताएं हैं. जिन पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल होता है. ऐसी ही एक मान्यता पानीपत की बू अली कलंदर शाह की दरगाह को लेकर है. ये दरगाह पत्थरों के लिए काफी मशहूर है. स्थानीय लोगों के मुताबिक इस दरगाह के अंदर सैकड़ों साल पुराना जहर मोहरा नाम का एक पत्थर है. मान्यता है कि इस पत्थर का पानी पीने से जहर का असर खत्म हो जाता है. मान लीजिए अगर किसी इंसान को सांप या बिच्छू काट ले तो उसको इस पत्थर का पानी पिला दें और फिर जहां काटा है वहां पानी में भिगोकर कपड़ा बांध दे. इससे जहर का असर खत्म हो जाएगा.

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सैकड़ों साल पुराना है इतिहास: माना जाता है कि जहर मोहरा नाम का पत्थर नवाब मुकर्रम अली ने लगाया था. मुकर्रम अली फकीर होने के साथ बादशाह जहांगीर के वजीर और कैराना के नवाब थे. जिन्नों ने उनको ये पत्थर उपहार में दिया था. बताया जाता है कि नवाब मुकर्रम अली ने जिन्नों की बेटी को ठीक किया था. इससे खुश होकर जिन्नों ने मुकर्रम अली को कसौटी का पत्थर, मौसम पत्थर और जहर मोहरा पत्थर दिया था. हकीम मुकर्रम तब बू अली शाह कलंदर के मुरीद हुआ करते थे. इसलिए उन्होंने अपनी मौत से पहले इन नायाब पत्थरों को उनकी दरगाह पर जड़वा दिया.

इस पत्थर को कपड़े से ढककर रखा जाता है.

पत्थर से होता है जहर का इलाज: नवाब मुकर्रम अली ने ये भी इच्छा रखी कि इंतकाल के बाद उनको बू अली शाह कलंदर के ही दरबार में दफन किया जाए. मुकर्रम अली और उसके परिवार के लोग पानीपत की बू अली शाह कलंदर की दरगाह में ही दफन हैं. दरगाह की सेवा करने वाले मोहम्मद रिहान का दावा है कि इस पत्थर का पानी को पीने से सिर्फ जहर ही नहीं, बल्कि कई बीमारियों का इलाज संभव है. कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का इलाज भी इस पानी के पीने से हो जाता है. दूर-दूर से लोग इस पत्थर का पानी लेने के लिए यहां आते हैं. उनका दावा है कि लोग इस पत्थर के पानी का इस्तेमाल कर ठीक भी हुए हैं.

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लोग श्रद्धा से चढ़ाते हैं पत्थर पर पानी: दरगाह की सेवा करने वाले मोहम्मद रिहान ने बताया कि जो भी लोग इस दरगाह में आते हैं वो इस पत्थर पर पानी चढ़ाते हैं. वो पानी पत्थर के पास जमा होता रहता है. ये पत्थर पानी में कुछ ऐसे तत्व घोल देता है कि जिससे हर तरह का जहर खत्म हो जाता है. सिर्फ जहर ही नहीं इसका पानी पीने से पेट में ऐंठन, सिर दर्द, बदन दर्द जैसी बीमारियों की इलाज हो जाता है.

जहर मोहरा पत्थर को लोहे के जाल से ढका गया है, ताकि इसे कोई तोड़ ना सके.

पत्थर पर लगाया गया लोहे का जाल: मोहम्मद रिहान के मुताबिक कई बार वैज्ञानिक जहर मोहरा पत्थर पर रिसर्च करने के लिए आए, लेकिन आज तक ये पत्थर वैज्ञानिकों के लिए भी पहेली बना हुआ है. कुछ वैज्ञानिक इस पत्थर को तोड़ कर, इसके टुकड़े अपने साथ ले गए. वैज्ञानिकों के अलावा कई लोग भी इसके टुकड़े अपने साथ ले गए. जिसके बाद इस जहर मोहरा पत्थर को लोहे के बड़े जाल से ढक दिया गया, ताकि इसे कोई तोड़ सके.

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क्या कहते हैं डॉक्टर?: इस बारे में जब पानीपत सिविल अस्पताल की इमरजेंसी मेडिसिन डॉक्टर सुखदीप कौर से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि पहले आयुर्वेद के जानने वाले हकीम सांप और बिच्छू के काटने वाले लोगों का इलाज जड़ी बूटियों से कर देते थे, लेकिन पत्थर के पानी से इलाज के बारे में उन्होंने नहीं सुना. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है भी तो ऐसा साइंटिफिक प्रूफ नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी जहरीले जीव के काटने पर तुरंत अस्पताल में पहुंचे और अपना इलाज करवाएं.

Last Updated : Jun 17, 2023, 2:21 PM IST

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