पानीपत: हरियाणा के पानीपत थर्मल पावर प्लांट के पास एक ऊंटला गांव है. जहां एक कुत्ते की समाधि बनी हुई है. ग्रामीण नई फसल काटने के बाद सबसे पहले इस समाधि पर कुछ हिस्सा लेकर आते हैं.जब भी कोई ग्रामीण दुधारू पशु लाता है तो सबसे पहले बाबा के धूने पर दूध चढ़ाने जाता है. इनका मानना है कि समाधि और डेरे पर दिए दान से खुशहाली आएगी. इसकी ऊंटला, सुताना, भालसी, वैसरी, लोहारी, जाटल, सुताना, आसन कलां, आसन खुर्द, नोहरा, सिठाना, खुखराना, शौदापुर सहित आसपास के 12 गांवों में बहुत मान्यता है.
बताया जाता है कि लखी बंजारा एक पशु व्यापारी था. व्यापार में उसे नुकसान हो गया था. उसने एक सेठ से कर्जा लिया. सेठ ने कर्जे के बदले उसके कुत्ते को गिरवी रख लिया था. सेठ के घर रात को चोरी हो गई. चोरों ने चोरी का सारा सामान एक जगह तालाब में छिपा दिया. अगले दिन कुत्ता सेठ को वहां लेकर गया, जहां चोरों ने चोरी का सामान छिपा रखा था. उसी दिन सेठ ने कुत्ते को वापस बंजारे के पास भेज दिया. कुत्ते के गले में एक चिट्ठी लटका दी कि कुत्ते ने एक रात में ही आपका कर्जा चुकता कर दिया. कुत्ते को आता देख बंजारे ने सोचा कि कुत्ता अपने आप भाग कर आया है, इसलिए उसने चिट्ठी को बिना पढ़े कुत्ते को मार दिया. डेरे में रहने वाले बाबा ने चिट्ठी पढ़ी. बाबा ने कुत्ते को आशीर्वाद दिया कि मर कर भी अमर हो जाएगा.
धाम के आगे झुका थर्मल मैनेजमेंट
एक कहानी ये भी है कि जब थर्मल का निर्माण किया जा रहा था, उस समय कुकड़ा बाबा डेरा प्राचीन देवी मंदिर को अधिग्रहित कर लिया गया. थर्मल की चारदीवारी बनाते हुए मंदिर के पास पहुंचे. कहते हैं कि चारदीवारी बनाने के कुछ समय बाद अपने आप गिर जाती थी. ऐसा कई बार हुआ. इसलिए उसे अधिग्रहण नहीं किया गया. वहां पर एक प्राचीन गुफा और कुआं भी है.