पानीपत के स्वास्थ्य केंद्रों से मरीजों को रेफर करने पर डॉक्टर को देना होगा वाजिब जवाब, नहीं तो होगी कार्रवाई पानीपत: हरियाणा के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से रेफर हो रहे मरीजों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का रवैया अब सख्त हो गया है. सिविल अस्पताल से रेफर होने वाले मरीजों के बारे में पहले से ही पूरी जानकारी ली जा रही थी. अब सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से भी मरीज रेफर करने पर डॉक्टरों को वाजिब जवाब देना पड़ेगा, साथ ही मरीज की पूरी हिस्ट्री भी देनी पड़ेगी.
यहां से मरीज रेफर होने पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने उनकी मॉनीटरिंग करना शुरू कर दिया है. कर्मचारी मरीज को कॉल कर उनकी जानकारी ले रहे हैं. उनसे पूछा जा रहा है कि क्या उन्हें स्वास्थ्य केंद्र में सही इलाज मिला था. अगर रेफर करने का कारण वाजिब नहीं मिला, तो डॉक्टरों को नोटिस देकर सिविल सर्जन कार्यालय में तलब किया जाएगा. इससे पहले दो डॉक्टरों को ऐसे नोटिस दिए जा चुके हैं. वहीं दूसरी ओर जनवरी महीने में रेफर केस एकाएक कम भी हो गए हैं.
अब रेफर प्रतिशत महज एक प्रतिशत है. इससे पहले पहले अस्पताल या समुदायिक केंद्र रेफर पॉइंट बन चुके थे. जिले में सभी डॉक्टरों को ऑन कॉल ड्यूटी आने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं. पहले दो बजे के बाद डॉक्टर ऑन कॉल ड्यूटी नहीं आते थे, ना ही उनको बुलाया जाता था. मरीजों को प्राथमिक उपचार देकर खानपुर मेडिकल कॉलेज, कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज या रोहतक पीजीआई रेफर किया जाता था.
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अब कॉल करने पर स्थिति से संबंधित डॉक्टर को तुरंत अस्पताल में पहुंचना होगा. पानीपत के पीएमओ संजीव ग्रोवर ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों या अस्पताल से रेफर होने वाले मरीजों की पूरी मॉनीटरिंग हो रही है. डॉक्टरों से रेफर करने का वाजिब कारण जाना जा रहा है. लेबर वार्ड से रेफर लगभग बंद हो चुका है. इस संबंध में डॉक्टरों को कड़े निर्देश दिए गए हैं. उनका प्रयास है कि मरीजों को पानीपत में ही उचित इलाज मिले.