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पानीपत में शादी के रजिस्ट्रेशन से ज्यादा फाइल हो रही तलाक की अर्जी, महिलाओं से ज्यादा पुरुषों की संख्या

वर्तमान समय में परिवारों में टकराव के मामले तेजी से बढ़े हैं. कई बार तो छोटी सी बात इतनी बढ़ जाती है कि नौबत तलाक तक पहुंच जाती है. अकेले पानीपत में वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 510 शादी के रजिस्ट्रेशन हुए. वहीं 1013 तलाक की अर्जी फाइल हुई.

men getting divorced more than women
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Published : Jun 3, 2023, 11:06 AM IST

Updated : Jun 3, 2023, 12:00 PM IST

पानीपत: वैसे तो शादी को 7 जन्मों का बंधन माना जाता है, लेकिन ये बंधन अब कमजोर होता नजर आ रहा है. पति पत्नी के बीच छोटी मोटी तकरार से रिश्तों का अंत हो रहा है. घरों में पति पत्नी के बीच झगड़े रिश्तों में दरार पैदा कर रहे हैं. झगड़ों के कारण भी ऐसे हैं कि जिन्हें एकांत में बैठकर सोचा जाए, तो लगता है कि झगड़ा तो कुछ था ही नहीं. इन झगड़ों का नतीजा ये है कि शादी के रजिस्ट्रेशन से ज्यादा तलाक की अर्जी फाइल हो रही हैं.

पानीपत फैमिली कोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक अकेले पानीपत में वित्तीय वर्ष 2022 से 2023 में 510 शादी के रजिस्ट्रेशन हुए. वहीं 1013 तलाक की अर्जी फाइल हुई. बड़ी बात ये है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों ने तलाक की अर्जियां ज्यादा फाइल की हैं. साल 2022 से 2023 के आंकड़े की बात करें, तो अप्रैल 2022 में महिलाओं ने तलाक के लिए 22 याचिका लगाई, वहीं पुरुषों ने 33 याचिका लगाई हैं. वहीं पति-पत्नी की सहमति से 41 तलाक हुए हैं.

महिलाओं से ज्यादा पुरुष लगा रहे तलाक की अर्जी

वहीं इस वित्तीय वर्ष में 265 महिलाओं ने तलाक की अर्जी लगाई है. एक तलाक की अर्जी में लिखा गया कि पति उसे शादी के बाद घुमाने नहीं लेकर गया. इस वजह से पत्नी ने तलाक फाइल कर दिया. दूसरा मामला ऐसा था जहां रिटायरमेंट के बाद पति को पत्नी को हिस्सा ना देना पड़े, इसलिए रिटायरमेंट से 2 महीने पहले पति ने तलाक की अर्जी फाइल कर दी. ज्यादातर मामलों में पत्तियों का शक करना उनके घर उजड़ने का कारण बना है.

शादी के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा तलाक की अर्जी से बहुत कम है. इसका एक पहलु ये भी है कि ज्यादातर लोग शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते और ना ही उनको रजिस्ट्रेशन की जरूरत पड़ती है. ज्यादातर लोगों को तो इसके बारे में जानकारी भी नहीं होगी. इसलिए शादी का रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की संख्या काफी कम है. वहीं दूसरी तरफ तलाक बिना कानूनी सहायता के संभव नहीं है. इसलिए सारे केसों का रिकॉर्ड दर्ज हो जाता है.

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प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता ने बताया कि आए दिन इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं. औसतन 2 लोग रोजाना तलाक की अर्जी फाइल करते हैं. अगर कारण देखा जाए तो सामने कुछ भी नहीं आता, पर वो एक दूसरे के साथ रहना नहीं चाहते. रजनी गुप्ता का कहना है कि इन रिश्तों को बचाने की जरूरत है. जिस बात को लेकर झगड़ा है. उसपर पति पत्नी द्वारा विचार किया जाए, तो रिश्ते बचाए जा सकते हैं. महिला हो या पुरुष, वो गुस्से में कदम तो उठा लेते हैं. कई बार उन्हें पछताना पड़ता है.

Last Updated : Jun 3, 2023, 12:00 PM IST

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