पानीपत: वैसे तो शादी को 7 जन्मों का बंधन माना जाता है, लेकिन ये बंधन अब कमजोर होता नजर आ रहा है. पति पत्नी के बीच छोटी मोटी तकरार से रिश्तों का अंत हो रहा है. घरों में पति पत्नी के बीच झगड़े रिश्तों में दरार पैदा कर रहे हैं. झगड़ों के कारण भी ऐसे हैं कि जिन्हें एकांत में बैठकर सोचा जाए, तो लगता है कि झगड़ा तो कुछ था ही नहीं. इन झगड़ों का नतीजा ये है कि शादी के रजिस्ट्रेशन से ज्यादा तलाक की अर्जी फाइल हो रही हैं.
पानीपत फैमिली कोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक अकेले पानीपत में वित्तीय वर्ष 2022 से 2023 में 510 शादी के रजिस्ट्रेशन हुए. वहीं 1013 तलाक की अर्जी फाइल हुई. बड़ी बात ये है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों ने तलाक की अर्जियां ज्यादा फाइल की हैं. साल 2022 से 2023 के आंकड़े की बात करें, तो अप्रैल 2022 में महिलाओं ने तलाक के लिए 22 याचिका लगाई, वहीं पुरुषों ने 33 याचिका लगाई हैं. वहीं पति-पत्नी की सहमति से 41 तलाक हुए हैं.
वहीं इस वित्तीय वर्ष में 265 महिलाओं ने तलाक की अर्जी लगाई है. एक तलाक की अर्जी में लिखा गया कि पति उसे शादी के बाद घुमाने नहीं लेकर गया. इस वजह से पत्नी ने तलाक फाइल कर दिया. दूसरा मामला ऐसा था जहां रिटायरमेंट के बाद पति को पत्नी को हिस्सा ना देना पड़े, इसलिए रिटायरमेंट से 2 महीने पहले पति ने तलाक की अर्जी फाइल कर दी. ज्यादातर मामलों में पत्तियों का शक करना उनके घर उजड़ने का कारण बना है.