पानीपत: हरियाणा के पानीपत में स्थित बाबा जोध सचियार स्कूल (Baba Jodh Sachiar Public School Panipat) की मान्यता रद्द करने और उसे बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं. ये निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी को दिए हैं. हालंकि खंड शिक्षा अधिकारी को इसके लिए दो बार निर्देश जारी किए जा चुके हैं, मगर अब तक जिला शिक्षा अधिकारी के आदेशों का पालन नहीं हो सका है. अब एक बार फिर खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी करते हुए निर्देश दिया गया है कि इस काम में निजी रुची लेते हुए स्कूल बंद करवाएं और इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को नजदीकी सरकारी स्कूल में ट्रांसफर किया जाए.
बच्चे के पिता ने हाईकोर्ट में डाली हुई है याचिकाएं-यह पूरा मामला साल 2019 का है.दरअसल 19 मार्च 2019 को नर्सरी कक्षा में पढ़ने वाला कार्तिक नाम का एक छात्र स्कूल बस के टायर के नीचे आ गया जिससे 5 साल के बच्चे की मौके पर मौत हो गई थी. बस आसन कलां स्थित बाबा जोध सचियार पब्लिक स्कूल की (Baba Jodh Sachiar Public School Assan Kalan) थी. बच्चा स्टार पब्लिक स्कूल में पढ़ता था. इस मामले में स्कूल मालिक और बस ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज है. वहीं, बच्चे के पिता ने हाइकोर्ट में स्कूल के खिलाफ कई याचिकाएं फाइल की हुई हैं. मांग है कि बाबा जोध सचियार पब्लिक स्कूल (Baba Jodh Sachiar Public School) के मालिक को सजा दी जाए और स्कूल पर कार्रवाई की जाए.
बाबा जोध सचियार पब्लिक स्कूल की मान्यता रद्द, जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किए निर्देश - बाबा जोध सचियार पब्लिक स्कूल की मान्यता रद्द
पानीपत में तीन साल पहले 5 साल के छात्र कार्तिक की बाबा जोध सचियार स्कूल (Baba Jodh Sachiar Public School) बस के नीचे आ जाने से मौत हो गई थी. अब इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने खंड शिक्षा अधिकारी को इस स्कूल की मान्यता रद्द कर उसे बंद करने का निर्देश जारी किया है.
![बाबा जोध सचियार पब्लिक स्कूल की मान्यता रद्द, जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किए निर्देश Baba Jodh Sachiar Public School Panipat](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-16089802-thumbnail-3x2-panipat.jpg)
RTA की जांच पर उठे थे सवाल-बाबा जोध सचियार पब्लिक स्कूल (Baba Jodh Sachiar Public School) की जिस स्कूल बस से हादसा हुआ था वह मार्च 2011 में खरीदी गई थी. बस के नौ साल पुरानी हो जाने के कारण यह काफी कंडम हो चुकी थी. स्कूल बस का फर्श भी जगह-जगह से गला हुआ था. बस की फिटनेस जांच 5 जून 2018 में हुई थी. सवाल उठता था कि आरटीए ने आखिर जांच के दौरान गले हुए फ्लोर को क्यों अनदेखा किया. क्योंकि ऐसा नहीं है कि फ्लोर एकदम से कंडम या गल गया होगा. जांच के करीब 9 महीने बाद यह हादसा हुआ इसलिए सवाल उठना लाजिमी है कि जून महीने में पासिंग के दौरान इसे अनदेखा किया गया है.