पानीपत:बेमौसम बरसात और भारी ओलावृष्टि से जो नुकसान फसलों को हुआ, उसका नुकसान किसान अभी तक भुगत रहे हैं. किसानों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है. बरसात से खराब हुई फसल मंडी में बिक नहीं पा रही. जो फसल बिक रही है, उसका दाम सही नहीं मिल पा रहा है. खराब हुई फसल के मुआवजे की गुहार किसानों ने सरकार से लगाई. तो सरकार ने किसानों को पोर्टल पर खराब हुई फसल का रजिस्ट्रेशन करने के लिए कह दिया.
किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर खराब हुई फसल का रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. लेकिन किसान गिरदावरी के लिए अब भटक रहे हैं. खराब हुई फसल का ब्यौरा देने की अंतिम तारीख 10 अप्रैल है. लेकिन अभी तक खराब हुई फसल का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया है. इसका कारण है कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल सही तरह से काम नहीं कर रहा है. जिसके चलते किसान अब मुआवजे के लिए भटक रहे हैं.
दरअसल, पानीपत में किसानों का कहना है कि शुरुआत में बरसात के कारण 20 फीसदी फसलों को नुकसान पहुंचा था. परंतु लगातार चली बरसात के कारण यह आंकड़ा बढ़कर 50% तक हो गया और किसानों की संख्या भी ज्यादा हो गई. लेकिन सरकार का टोटल जिस पर ब्यौरा अपलोड करना है. वह कभी कार्य कर रहा है और कभी नहीं. जिले के सभी क्षेत्र पोर्टल पर खुल भी नहीं रहे हैं और ना ही उनका ब्यौरा अपलोड हो रहा है. अभी तक मात्र 60% तक किसानों ने अपनी फसल का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड किया है. बाकी के किसान अभी अपना ब्यौरा अपलोड नहीं कर पाए हैं. क्योंकि बड़ी समस्या पोर्टल का ना चलना है और कल पोर्टल पर ब्यौरा अपलोड करने की अंतिम तिथि है.