पानीपत:बोतल से दूध पीने वाले 6 माह से 2 साल तक के बच्चों में तेजी से आरएसवी वायरस फैल रहा है. आरएसवी यानी रैसे पैटरी सीएनसीएल वायरस जो कि बच्चों के लिए घातक बना हुआ है. आरएसवी की वजह से स्वस्थ बच्चों में सर्दी, जुकाम, निमोनिया और सांस की गंभीर बीमारियां हो रही हैं.
सिविल अस्पताल में इन दिनों 70% केस इसी वायरस के पहुंच रहे हैं. अस्पताल में हर रोज औसतन 150 बच्चे आ रहे हैं. जिनमें से 90 बच्चे इसी वायरस से पीड़ित हैं. ओपीडी में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर निहारिका और डॉक्टर एकता बच्चों का इलाज कर रही हैं.
दुधमुंहे बच्चों के लिए बोतल का दूध बना खतरा, तेजी से फैल रहा RSV वायरस निप्पल से दूध न पिलाएं
डॉक्टर निहारिका का कहना है कि इसमें बच्चों का खाना-पीना कम हो जाता है. वहीं जिन बच्चों को बोतल से दूध पिलाया जा रहा है. इससे भी इस वायरस के फैलने के चांस ज्यादा हैं.
45 से 50% केस इसी तरह के हैं. बच्चों को मां का ही दूध पिलाना चाहिए. अस्पताल में हर मां को यही बता रहे हैं कि बोतल से दूध ना पिलाएं. संभव हो तो अपना ही दूध पिलाएं.
बच्चों में तेजी से फैलता है RSV
छोटे बच्चों में ये प्रभाव फेफड़े और सांस लेने वाले मार्ग में दिखाई देता है. ये वायरस उन बच्चों को आसानी से अपने कब्जे में ले लेता है, जिनमें नाक बहने वाले लक्षण दिखते हैं. अगर किसी व्यक्ति को खांसी और जुखाम हुआ है और वो जब हंसता है या छीखता है तो ये दूसरे लोगों में भी फैलता है. छोटे बच्चों को तो ये आसानी से चपेट में ले लेता है.
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इस वायरस के लक्षण
- सूखी खांसी
- बहती नाक
- बुखार गले में खराश
- सिरदर्द
- घबराहट
- सांस लेने में तकलीफ
- नाक गले में जलन
- चिड़चिड़ापन
कैसे होता है बच्चों का इलाज?
डॉक्टर निहारिका ने बताया कि इस वायरस का पता एक्स-रे के माध्यम से लगाया जाता है. इसके लिए हम बच्चों को दवाई भी देते हैं, लेकिन बुखार बच्चे का 100 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो तो तभी हम इसकी दवा देते हैं अन्यथा हम ऑक्सीजन और भाप से बच्चे का इलाज करते हैं.