पानीपतःप्रदेश में बीजेपी सरकार लगातार महिला सुरक्षा के दावे तो करती रही है लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. पानीपत में रेड क्रॉस बिल्डिंग में बने वन स्टॉप सेंटर की हालत ये है कि यहां पर महिलाओं की सुरक्षा राम भरोसे चल रही है. इस सेंटर पर ना तो कोई अधिकारी है और ना ही सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध. हालात ये हैं कि यहां केवल 2 चौकीदार तैनात है जो इस सेंटर पर नजर रखने का काम करता है.
भगवान भरोसे सेंटर की सुरक्षा!
पानीपत में वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के लिए बनाया गया था. जिसमें दुष्कर्म, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिलाओं के रुकने की व्यवस्था हो सके, लेकिन सुरक्षा के नाम पर यहां खोखले वादे ही पड़े हैं. जब हमने रात को पानीपत के वन स्टॉप सेंटर या सखी सेंटर का जायजा को लिया तो वहां पर दो गार्ड तैनात थे. जिसमें एक की ड्यूटी गेट पर और दूसरे की ड्यूटी सखी सेंटर के नीचे लगी थी. इसके अलावा एक महिला भी सखी सेंटर में मैजूद थी जो आने वाली महिलाओं के साथ ड्यूटी देती है.
पानीपत वन स्टॉप सेंटर में असुरक्षित महिलाएं! सुरक्षा में बड़ी चूक!
हैरानी की बात ये है कि स्टॉप वन सेंटर के लिए एक कमेटी का गठन हुआ है जिसमें पूरे प्रशासन की टीम मौजूद है, लेकिन उसके बावजदू यहां ना तो कोई पुलिस कर्मी है और ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी. ऐसा लगता है मानों इन वन स्टॉप सेंटर यानि सखी सैंटरो को प्रशासन ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है. वहीं सेंटर में तैनात सुरक्षा गार्ड और महिला ने बताया कि प्रशासन की ऐसी लापरवाही से कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है. ऐसे में जरूरत है कि समय रहते इस ओर ध्यान दिया जाए.
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क्या होता है वन स्टॉप केंद्र
सखी केंद्र या वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार के हिंसा से लड़ने के लिए एक छत के नीचे चिकित्सा, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और परामर्श सहायता सहित कई सेवाओं के लिए तत्काल, आपातकालीन और गैर-आपातकालीन पहुंच की सुविधा प्रदान करना है. वन स्टॉप केंद्र उन सरकारी दिशा निर्देशों के मुताबिक वन स्टॉप केंद्रों में फ्रिज, कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, टेलिफोन, इंटरनेट, सीसीटीवी कैमरा, दवाइयां और कपड़े उपलब्ध होने चाहिए.
एक केंद्र में कम से कम 5 कमरे हों. साथ ही ये केंद्र जिले के सरकारी अस्पताल के 2 किलोमीटर के दायरे में हो ताकि हिंसा से पीड़ित महिलाएं आसानी से पहुंच सकें. इन केंद्रों में मेडिकल सुविधा, पुलिस मदद, साइको-सोशल काउंसलिंग, कानूनी सलाह और अस्थाई तौर पर रहने की जगह व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी होनी चाहिए.