पानीपत: कोरोना महामारी (corona pandemic) की दूसरी लहर एक त्रासदी के रूप में लोगों के सामने आई. जिससे ना केवल जनजीवन बल्कि सरकारी सिस्टम भी चरमरा गया. यही वह दौर था, जिसमें लोगों की मानवता के प्रति प्रेम की परीक्षा ली जानी थी. इसमें समाज के काफी लोगों ने बढ़-चढ़ कर कोरोना मरीजों की सेवा की. वहीं कुछ असामाजिक तत्व ऐसे भी थे, जिन्होंने मौके का फायदा उठाते हुए नकली सैनेटाइजर (fake sanitizer) और मास्क बनाकर बाजारों में धड़ल्ले से बेचे.
कोरोना के समय में हाथों पर कीटाणुओं को मारने के लिए सैनेटाइजर का उपयोग एक आम बात हो गई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक नकली सैनेटाइजर बनाने वाले इसके निर्माण में एथिल एल्कोहल की जगह मिथाइल एल्कोहल का इस्तेमाल करते हैं, जो कहीं ज्यादा जहरीला होता है. चमड़ी रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित का कहना है कि नकली सैनेटाइजर से इंसान के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. इसमें प्रयोग होने वाले केमिकल से त्वचा को भी नुकसान होता है जो कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों को भी जन्म दे सकता है.
हालांकि प्रशासन ने आपदा के दुश्मनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की. पानीपत की ड्रग कंट्रोलर विजय राजे ने बताया कि हम नकली सैनेटाइजर की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठा रहे हैं. हमने कई कंपनियों के सैनेटाइजर के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं.