पंचकूला: कोरोना महामारी के खिलाफ चल रही इस जंग में हर कोई अपना योगदान दे रहा है. इसकी एक मिसाल पंचकूला के डीसी दफ्तर में वाटर कैरियर या पानी पिलाने का काम करने वाले सतीश ने पेश की है. जो अपने घर पर मास्क बनाकर आम जनता में बांटने का काम कर रहे हैं. सतीश ऑफिस ड्यूटी को पूरा करने के बाद आराम करने के बजाय तुरंत अपने परिवार के साथ मास्क बनाने के काम में जुट जाते हैं.
रोजाना 25 मास्क बनाता है सतीश
सतीश ने बताया कि वो रोजाना करीब 25 मास्क तैयार कर लेते हैं और अगले दिन ऑफिस आते समय आम लोगों में निशुल्क बांट देते हैं. उन्होंने बताया कि दुकानों पर मिल रहा मास्क टिकाऊ नहीं होता. वहीं उनकी कीमत भी बहुत ज्यादा होती है. जिसके चलते गरीब लोग इसे नहीं खरीद सकते. उन्होंने कहा कि इसी चलते वो अपनी पत्नी के साथ मिलकर मास्क तैयार करते हैं और गरीबों में बांटते हैं.
वाटर कैरियर कर्मचारी लोगों को फ्री बांट रहा मास्क बाजार में मिल रहे महंगे मास्क
सतीश ने बताया कि जब कोरोना महामारी का दौर शुरू हुआ तो वे केमिस्ट की दुकान पर मास्क लेने गए. वहां पर मिल रहे मास्क की कीमत बहुत ज्यादा थी. जिसके बाद उन्होंने फैसला किया कि वो घर पर ही कपड़े का मास्क बनाकर लोगों को मुहैया कराएंगे.
वॉटर कैरियर का काम करने वाले सतीश ने बताया कि वो कपड़े का मास्क बनाते हैं. उनके बनाए मास्क को धो कर दोबारा प्रयोग में लाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि उनकी धर्मपत्नी मनीषा बुटीक का काम करती हैं. कोरोना वायरस के चलते वो अभी काम नहीं कर रही हैं. इसी चलते उनकी धर्मपत्नी मास्क बनाने में उनका सहयोग कर रही हैं.
इस बारे में जब पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग का प्रत्येक कर्मचारी अपनी ड्यूटी कर रहा है. उन्होंने कहा कि सतीश का काम देखकर वो गर्व महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो सतीश को प्रोत्साहन देने के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र लिखेंगे.
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