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पंचकूला में नहीं दिखा रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का असर, भारी पुलिस रहा तैनात

गौरतलब है कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत मुख्य सचिव ने सभी विभागों को पत्र लिखकर हड़ताल से निपटने के लिए योजना तैयार करने और हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों से सख्ती से निपटने के लिए कहा था. मुख्य सचिव ने 8 जनवरी को दोपहर 12 बजे और शाम 4 बजे गैरहाजिर कर्मचारियों की जानकारी भी मांगी.

Roadways employee strike in panchkula
पंचकूला में नहीं दिखा रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का असर

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Published : Jan 8, 2020, 3:11 PM IST

पंचकूला: ट्रेड यूनियन के आह्वान पर प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. बैंक, डाक, नगर निगम और रोडवेज के कर्मचारी स्ट्राइक पर हैं. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पचंकूला डिपो में भी रोडवेज कर्मचारियों ने चक्का जाम रखा. सुबह 4 बजे से पुलिस बल की मौजूदगी में रोडवेज कर्मचारियों की नारेबाजी जारी रही. पुलिस ने सभी बसों को उनके गंतव्य के लिए रवाना किया.

पंचकूला में नहीं दिखा रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का असर

गौरतलब है कि राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत बीते दिनों मुख्य सचिव ने सभी विभागों को पत्र लिखकर हड़ताल से निपटने के लिए योजना तैयार करने और हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियों से सख्ती से निपटने के लिए कहा था. साथ ही मुख्य सचिव ने 8 जनवरी को दोपहर 12 बजे और शाम 4 बजे गैरहाजिर कर्मचारियों की जानकारी भी मांगी थी.

ट्रेड यूनियनों की मांग क्या है?
जिन ट्रेड यूनियन ने भारत बंद बुलाया है, उनका दावा है कि केंद्र सरकार की ओर आर्थिक और जन विरोधी नीतियों को लागू किया जा रहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे लेबर लॉ का भी विरोध किया जा रहा है. स्टूडेंट यूनियन की ओर से शिक्षण संस्थानों में फीस बढ़ाने का विरोध किया जा रहा है. यूनियन की मांग है कि केंद्र सरकार का कर्मचारियों से बातकर नीतियों को आगे बनाना चाहिए.

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यूनियन की तरफ से 13 प्वाइंट की मांग रखी गई हैं
आम लोगों की जरूरत वाली चीजों के बढ़ते दाम को काबू करना
पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम, बेरोजगारी, महंगाई पर काबू पाना
इसके अलावा जो मुख्य मांग है कि मजदूरों की तन्ख्वाह बढ़ाना
इस मांग को काफी लंबे समय से रखा जा रहा है
यूनियन मजदूरों की न्यूनतम तन्ख्वाह 21 हजार रुपये प्रति माह की मांग

यूनियन की कुछ और मांगें
सोशल हेल्थ सर्विस में खुद को शामिल करना
मजदूरों को मिड डे मील मिलना
6000 रुपये की न्यूनतम पेंशन
पब्लिक सेक्टर बैंक के मर्ज का विरोध

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