पंचकूला: हरियाणा के पचंकूला में मुंह के कैंसर के मरीजों की संख्या में कमी आई है. पहले जहां जिले में औसतन 4 से 5 सस्पेक्टेड मरीज मुंह के कैंसर के मिल रहे थे. अब संख्या 3 रह गई है. औसतन एक साल में 5 से 7 लोगों में मुंह का कैंसर पाया जाता है.
पंचकूला नागरिक अस्पताल की डेंटल सर्जन संदीपा ने बताया कि अल्सर यानी मुंह में लाल या सफेद धब्बे अगर दो या तीन हफ्ते से ज्यादा हो तो उसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए. मुंह में दर्द कई दिनों तक रहना, मुंह के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं.
वक्त रहते नहीं संभले तो जानलेवा हो सकता है मुंह का कैंसर, क्लिक कर देखें वीडियो साल 2018 में पंचकूला में करीब 12 ऐसे लोग थे. जिनमें मुंह का कैंसर होने की संभावना थी. इन 12 में से 8 पुरुष थे और 4 महिलाएं थीं. साल 2019 में मुंह संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़कर 29 पहुंच गई. इन 29 में से 21 पुरुष थे और 8 महिलाएं थीं. साल 2020 के मार्च महीने तक मुंह के कैंसर के संदिग्ध मरीजों का आंकड़ा तीन रहा. जिसमें से 2 पुरुष और 1 महिला शामिल है. डॉक्टर शिवानी ने बताया कि मुंह का कैंसर तम्बाकू, गुटका, खैनी, पान मसाला का सेवन करने वाले लोगों में ज्यादा होती है.
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मुंह का कैंसर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा पाया जाता है, क्योंकि महिलाओं के मुकाबले पुरुष पान, बीड़ी, जर्दा, शराब, खैनी, सिगरेट आदि का सेवन ज्यादा करते हैं. डॉक्टर संदीपा ने कहा कि अगर किसी को मुंह में जकड़न की शिकायत हो तो वो तुरंत आकर चेकअप कराएं. ताकि खतरे के वक्त रहते टाला जा सके. इस साल अभी तक मुंह के कैंसर के मामलों में कमी देखी गई है. पिछले साल के मुकाबले इस बार संदिग्धों की संख्या 3 ही रही है. डॉक्टर्स का मानना है कि लोगों में जागरुकता की कमी की वजह से कैंसर बड़ी चुनौती बना हुआ है.
कैंसर से होने वाली बीमारियों के नाम और उनके लक्षण:
- इरीथ्रोप्लाकीया- मुंह में अंदर गाल पर सफेद और लाल धब्बे होना
- लीउकोप्लाकिया- मुंह के अंदर एक गाल पर सफेद धब्बे होना
- ओरल सबमूकोउस फाइब्रोसिस- मुंह की मांसपेशियों में जकड़न होना और मुह खोलने में दिक्कत होना
- लीचेनप्लानस- मुंह के अंदर दोनों गालों पर अंदर की ओर सफेद धब्बे होना