पंचकूला:एजेएल प्लॉट आवंटन और मानेसर लैंड डील मामले में आज विशेष सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हो रही है. मामले में आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पेशी के लिए कोर्ट पहुंच चुके हैं. दोनों ही मामलों में आरोपियों पर लगाए गए चार्ज पर वकीलों में बहस हो रही है. एजेएल मामले में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को डिस्चार्ज करने पर सीबीआई रिप्लाई करेगी.
क्या है एजेएल प्लॉट आवंटन मामला
भूपेंद्र हुड्डा पर आरोप है कि उनकी सरकार के दौरान नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली कंपनी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) को साल 2005 में नियमों के विपरीत भूखंड आवंटित किया गया. इससे सरकार को 67.65 लाख रुपये का नुकसान हुआ. ये प्लाट पंचकूला के सेक्टर छह में सी-17 है.
ये प्लॉट 24 अगस्त 1982 को आवंटित किया गया था. तब चौधरी भजनलाल मुख्यमंत्री थे. उस समय इसे नेशनल हेराल्ड के हिंदी संस्करण नवजीवन को दिया गया था. कंपनी को इस पर छह महीने में निर्माण शुरू करके दो साल में काम पूरा करना था. कंपनी 10 साल में भी ऐसा नहीं कर पाई.
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30 अक्टूबर 1992 को हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (अब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) ने अलॉटमेंट कैंसिल करके प्लॉट को रिज्यूम कर लिया था. इसके बाद इसे हुड्डा सरकार के दौरान 2005 में फिर से 1982 की मूल दरों पर आवंटित कर दिया गया, जबकि इसे 2005 की दरों पर जारी किया जाना चाहिए था.
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेरॉल्ड के स्वामित्व वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) को प्लॉट आवंटन करने के मामले में बड़ी कार्रवाई की थी. ईडी ने कंपनी के पंचकूला सेक्टर 6 स्थित प्लॉट सी 17 को अटैच कर दिया. जिसका मतलब ये था कि अब इस पर कोई काम नहीं हो सकेगा.