पंचकूला: जिले में मलेरिया की बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. प्रदेश में हर साल मलेरिया की बीमारी के चलते हजारों लोगों की मौत होती है. इस घातक बीमारी की मार सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ती है. पिछले साल पंचकूला में मलेरिया से एक भी मौत नहीं हुई थी जबकि 47 मामले सामने आए थे.
सीएमओ डॉक्टर जसजीत कौर ने मलेरिया बीमारी के बारे में बताया कि अनोफलीज नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से इंसान से रक्त प्रवाह में ये वायरस संचारित होता है. ये वायरस लीवर तक पहुंच कर उसके काम करने की क्षमता को खराब कर देता है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मलेरिया को लेकर बैठक की है.
उन्होंने बताया कि पंचकूला की राजीव कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी, अभयपुर, खड़क मंगोली गेट नंबर 3 के साथ-साथ कालका और पिंजौर क्षेत्र में विशेष रूप से मलेरिया से बचाव को लेकर तैयारी की है. क्योंकि इन इलाकों में मलेरिया का खतरा ज्यादा होता है. सीएमओ ने बताया कि मलेरिया होने पर बुखार जैसे लक्षण होते हैं और बुखार होने के साथ-साथ इंसान के शरीर में कंपकपी और सिर में तेज दर्द होता है.