पंचकूला:हरियाणा पुलिस ने बडे पैमाने पर जीएसटी घोटाले के खिलाफ एक सुव्यवस्थित अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए 4 प्रमुख गिरोह सहित अन्य आरोपियों का पर्दाफाष किया है. इन फर्जी फर्मों ने धोखाधड़ी के माध्यम से 464.12 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का गोलमाल कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया है.
हरियाणा डीजीपी मनोज यादव ने रविवार को इस संबंध में खुलासा करते हुए बताया कि इन व्यक्तियों ने फर्जी ई-वे बिल के माध्यम से माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना कई फर्मों और कंपनियों को फर्जी चालान जारी किए और जीएसटीआर-3 बी फार्म के माध्यम से जीएसटी पोर्टल पर फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) किए हैं.
ई-वे बिल के जरिए की गई करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी
ये भी खुलासा हुआ कि फर्जी जीएसटी चालान, ई-वे बिल और जाली बैंक लेनदेन की मदद से इन गिरोह द्वारा करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की गई है. जांच के दौरान, ये भी सामने आया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से कुछ ऐसे भी हैं जो बार-बार आर्थिक अपराध की प्रवृति के हैं. पुलिस ने अबतक की गई कार्रवाई के तहत आबकारी और कराधान विभाग के माध्यम से दी जाने वाली 97.22 करोड़ रुपये की इन एड मिसीबल आईटीसी पर भी रोक लगाई है.
डीजीपी ने भी जीएसटी घोटाले में शामिल रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए डीजीपी क्राइम मोहम्मद अकील और उनकी पूरी टीम को सराहना की. पुलिस की राज्य अपराध शाखा ने फर्जी चालान के माध्यम से आईटीसी का दावा करने वालों पर शिकंजा कसा है. पानीपत और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय गोविंद गैंग से संबंधित फर्जी फर्मों के खिलाफ वर्ष 2019 में कुल 21 एफआईआर दर्ज की गईं, जबकि प्रमुख जीएसटी चोरी में शामिल रहे अन्य तीन गिरोह के खिलाफ 2018 और 2019 के बीच केस दर्ज किए गए हैं.