पंचकुला:हरियाणा में पंचकुला स्थिति माता मनसा देवी मंदिर की बड़ी आस्था है। लाखों श्रृध्दालु हर साल मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। श्रृध्दालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर परिसर में सुविधाएं बढ़ाने को लेकर कई बार चर्चाएं हुई लेकिन अब इसे मूर्त रूप दिया जा रहा है। मंदिर के मुख्य गुंबज को सांवारा जाएगा। इसके अलावा मंदिर के पहुंच मार्ग को नए सिरे से बनाया जाएगा। साथ ही एक बड़ा और लंबा अतिरिक्त एंट्री कॉरिडोर बनेगा।
पंचकुला के माता मनसा देवी मंदिर को मिलेगा भव्य स्वरूप, भव्य होगा गुंबज, नए सिरे से बनेगा प्रवेश मार्ग
Redevelopment Of Mansa Devi Temple Panchkula हरियाणा की आस्था का केन्द्र माता मनसा देवी मंदिर के परिसर के विकास का रास्ता साफ हो गया है. इसके तहत मंदिर के गुंबज की भव्यता को बढ़ाया जाएगा. साथ ही मंदिर के प्रवेश मार्ग को बेहतर ढंग से बनाया जाएगा. मनसा देवी श्राइन बोर्ड और हरियाणा शहरी निकाय ने इस विकास कार्य को मंजूरी दे दी है.
Published : Nov 25, 2023, 12:27 PM IST
नया कॉरिडॉर बनेगा: मनसा देवी मंदिर परिसर के रिडवलपमेंट का मैप तैयार हो गया है। इसके लिए विधानसभा सचिवालय में बैठक भी हो चुकी है। इसमें माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड और हरियाणा शहरी निकाय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने अलग-अलग विचार रखे थे। पर विकास को लेकर सभी एक मत हुए और योजना को मंजूरी दी गई। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि माता मनसा देवी मंदिर की एक अलग पहचान है। ये लोगों की आस्था का केन्द्र भी है। भव्यता बढ़ाने के लिए बड़ा गुंबज बनाया जाएगा। अभी मुख्य कॉरिडोर में तीव्र मोड़ है। इसकी वजह से मंदिर दूर से दिखाई नहीं देता है। लोग रास्ता भटक जाते हैं। अब मुख्य मंदिर के ठीक सामने से लंबा-चौड़ा कॉरिडॉर बनाया जाएगा। ये कॉरीडोर ऐसा बनेगा जो वर्तमान पुस्तकालय और वीटा बूथ के बीच से शुरू होकर मुख्य मंदिर तक सीधा जाएगा। वीआईपी की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए वीआईपी एंट्री में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। विकास का काम रुड़की स्थित सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की ड्राइंग के अनुसार होगा।इंस्टीट्यूट ने सभी चीजों को ध्यान में रखकर ये डिजाइन तैयार की है। वहीं निर्माण लागत ज्यादा ना हो इस वजह से ये काम पीडब्ल्यूडी (बी एंड आर) को सौंपा जा सकता है। नए निर्माण में करीब 6.10 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
मनसा देवी मंदिर की खासियत :मनसा देवी मंदिर चंडीगढ़ से 10 किलोमीटर दूर शिवालिक की तलहटी में है। ये मंदिर बिलासपुर गांव में आता है। मंदिर का क्षेत्र करीब 100 एकड़ का है। हरियाणा समेत उत्तर भारत की आस्था का केन्द्र मंदिर को माना जाता है। नवरात्र के समय इस मंदिर में नौ दिन तक उत्सव मनाया जाता है।