चंडीगढ़:हरियाणा में सिंचाई के लिए पानी की कमी को दूर करने के लिए शुक्रवार को हरियाणा और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच आदिबद्री डैम बनाने के लिए समझौता हुआ. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ आदिबद्री में डैम के निर्माण से संबंधित समझौता ज्ञापन (एमओयू) समारोह में शामिल हुए. इस दौरान हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल व हिमाचल के मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह ने दोनों मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में डैम निर्माण हेतू समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हिमाचल में आदिबद्री डैम के निर्माण (Adibadri Dam in himachal) से वर्षों पहले विलुप्त हुई सरस्वती नदी का पुनरुद्धार होगा. आदिकाल से पूजनीय सरस्वती नदी के प्रवाह स्थल के आसपास धार्मिक मान्यताएं पुनः जागृत होंगी, इसके साथ-साथ यह क्षेत्र तीर्थाटन के रूप में भी विकसित होगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज उनका 35 साल पुराना सपना साकार हुआ है. उन्होंने कहा कि आदिबद्री डैम बनने से 20 क्यूसिक पानी निरंतर सरस्वती नदी में प्रवाहित होगा. इससे पूरा वर्ष सरस्वती में पानी का प्रवाह रहेगा.
हिमाचल में बनेगा आदिब्रदी डैम:मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह डैम हिमाचल प्रदेश क्षेत्र के 31.66 हैक्टेयर भूमि पर बनाया जाएगा, इस पर 215.33 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसमें हर वर्ष 224.58 हैक्टेयर मीटर पानी का भंडारण होगा. इसका 61.88 हैक्टेयर मीटर पानी हिमाचल प्रदेश को और बाकी करीब 162 हैक्टेयर मीटर पानी हरियाणा को मिलेगा. इस पानी को सरस्वती नदी में प्रवाहित किया जाएगा.
कितना बड़ा होगा आदिबद्री डैम?-इस डैम की चौड़ाई 101.06 मीटर तथा ऊंचाई 20.5 मीटर होगी. डैम से 20 क्यूसिक पानी सालभर सरस्वती नदी में प्रवाहित होगा. इस प्रोजेक्ट का मकसद सरस्वती नदी के पुनरूद्धार के साथ-साथ भूमिगत जल स्तर को बढ़ाना है. डैम के शुरू होने से बारिश के दिनों में अत्यधिक वर्षा से पैदा होने वाली बाढ़ की स्थिति से भी निपटा जा सकेगा. इसके नजदीक बनने वाली झील से पर्यटन बढ़ेगा.
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सरस्वती नदी के प्रवाह के संबंध में न केवल धार्मिक मान्यता है, बल्कि सैटेलाइट से स्पष्ट हुआ है कि जमीन के अंदर आज भी इसका प्रवाह है. सरस्वती नदी पर शोध के संबंध में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पीठ की स्थापना कर रखी है, इसके अतिरिक्त हरियाणा सरस्वती हैरिटेज डेवलेपमेंट बोर्ड की स्थापना की गई है. हरियाणा सरकार ने आदिबद्री से कैथल होते हुए घग्गर नदी तक 200 किलोमीटर दूरी के क्षेत्र को सरस्वती नदी के लिए अधिसूचित किया है. राजस्व रिकॉर्ड में भी इसका जिक्र मिलता है.