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फिर से सुलगा आंदोलन! पंचकूला में फिर आमने-सामने आये किसान और जवान, जानें दिनभर का घटनाक्रम

किसानों का आंदोलन (Farmers protest) एक बार फिर से उग्र होता दिखाई दे रहा है. इसकी बानगी 26 जून को पंचकूला में देखने को मिली. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के आह्वान पर किसानों ने हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य (Satyadev Narayan Arya Governor Haryana) को ज्ञापन देने के लिए पैदल मार्च किया. इस रिपोर्ट में जानें पूरे दिन का घटनाक्रम.

Farmers protest
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Published : Jun 26, 2021, 7:07 PM IST

पंचकूला: 26 जून यानी आज किसान आंदोलन (Farmers protest) को 7 महीने का वक्त पूरा हो चुका है. इस मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने देश के किसानों से आह्वान किया कि वो अपने-अपने राज्यों में राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपे. तय कार्यक्रम के मुताबिक दिन का सूरज निकलते ही भारी संख्या में हरियाणा के किसान नाडा साहिब गुरुद्वारा पंचकूला (Nada Sahib Gurdwara Panchkula) में इकट्ठा होना शुरू हो गए.

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दिन बढ़ने के साथ-साथ किसानों की संख्या भी तेजी से बढ़ने लगी. इस दौरान तय हुआ कि किसान राजभवन तक पैदल मार्च करेंगे. राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के बाद किसान हरियाणा बिजली वितरण निगम (Haryana Electricity Distribution Corporation) का घेराव करेंगे. किसानों के इस मार्च को लेकर पुलिस-प्रशासन भी सतर्क दिखा. राजभवन के आस-पास भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया था. पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए जो जगह बैरिकेड्स लगाए.

पंचकूला में किसानों का हल्ला बोल

जैसे ही किसान पैदल मार्च करते हुए राजभवन के लिए रवाना हुए तो पुलिस के इंतजाम एक बार को हवा-हवाई होते नजर आए. पैदल मार्च कर रहे किसानों की भीड़ को देखते हुए पुलिस की किलेबंदी फेल (Farmers break barricades Panchkula) हो गई. किसानों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस को बैरिकेड्स हटाने पड़े. जिसके बाद किसान पैदल मार्च करते हुए आगे बढ़ गए. ये बैरिकेड्स हरियाणा पुलिस पुलिस ने नाडा साहिब गुरुद्वारा पंचकूला से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर लगाया था.

पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर किए सुरक्षा के इंतजाम

इसके बाद किसान चंडीगढ़ की तरफ पैदल मार्च करते हुए आगे बढ़ने लगे. चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर (Chandigarh-Panchkula Border) पर चंडीगढ़ पुलिस ने एक और बैरिकेड लगाया हुआ था. इस बीच सीमा पर अधिकारियों और किसान नेताओं के बीच बातचीत हुई. अधिकारी किसानों से प्रदर्शन नहीं करने की अपील कर रहे थे. प्रशासन की ओर से किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल को ज्ञापन सौंपने के लिए राजभवन ले जाने की पेशकश भी की गई थी.

किसानों ने किया राजभवन की तरफ कूच

इससे पहले किसान राजभवन पहुंचते. राज्यपाल के ADC ने खुद बॉर्डर पर आकर किसानों से ज्ञापन ले लिया. जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा के लोग वहां से बिजली वितरण निगम का घेराव करने के लिए लौट गए. किसानों के इस कूच की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव, किसान नेता गुरनाम चढूनी, निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान समेत कई बड़े किसान नेताओं ने की.

संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव ने की पैदल कूच की अगुवाई

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चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (Sombir Sangwan Independent MLA) भी किसानों के इस मार्च को समर्थन देने पहुंचे. किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा सरकार से समर्थन वापस ले चुके सोमबीर सांगवान किसानों के इस कूच में शामिल रहें. सोमबीर सांगवान ने ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान कहा था कि जब तक सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानती तबतक उनका आंदोलन जारी रहेगा. सोमबीर सांगवान ने कहा कि किसान सरकार से बातचीत के लिए तैयार है. लेकिन सरकार किसानों से क्यों बातचीत नहीं करना चाहती?

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