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'20 से 30 वर्ष की उम्र का हर 5वां नौजवान रीढ़ की हड्डी की समस्या से पीड़ित' - panchkula news

20 से 30 वर्ष की उम्र का देश का हर पांचवां नौजवान रीढ़ की हड्डी की समस्या से पीड़ित है. पहले ये समस्या बुजुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन अब नौजवानों में ये समस्या बढ़ती जा रही है. ये बात न्यूरो सर्जरी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. अनिल ढींगरा ने कही.

spine problem in indian youth
spine problem in indian youth

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Published : Nov 28, 2020, 4:25 PM IST

पंचकूला:रीढ़ की हड्डी की समस्याएं और बिना चीर फाड़ के ऑपरेशन की तकनीकों संबंधी जागरुकता पैदा करने के लिए पंचकूला के एक निजी अस्पताल में न्यूरो सर्जरी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर ने पत्रकारों को संबोधित किया. न्यूरो सर्जरी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. अनिल ढींगरा ने बताया कि 20 से 30 वर्ष की उम्र का देश का हर पांचवां नौजवान रीढ़ की हड्डी की समस्या से पीड़ित है.

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उन्होंने बताया कि ये समस्या पहले बुजुर्गों में देखी जाती थी, लेकिन बीते समय के दौरान नौजवानों में रीढ़ की हड्डी की समस्याओं में 60 प्रतिशत इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि नौजवानों की जीवन शैली में बदलाव, अधिक वजन, विटामिन-डी, बी-12 कैल्शियम और प्रोटीन की कमी नौजवानों में इस समस्या का मुख्य कारण है.

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डॉक्टर ढींगरा ने बताया कि रीढ़ की हड्डी की समस्याएं बढ़ने से भारत में रीढ़ की सर्जरी की नवीनतम तकनीक इजाद हुई हैं. उन्होंने बताया कि किसी समय ऑपरेशन से 3 महीने के लिए बिस्तर पर आराम के लिए कहा जाता था, जोकि अब प्रगति करके एक दिन के आराम तक पहुंच गई है.

उन्होंने बताया कि छोटा सुराग सर्जरी तकनीक से ही ये संभव हुआ है. उन्होंने कहा कि जो मरीज दवाइयों या फिजियोथैरेपी आदि से ठीक नहीं होते और जिनके हाथ पैरों में कमजोरी महसूस होती है उनके लिए ऐसी सर्जरी की सिफारिश की जाती है, जिसमें चीर फाड़ नहीं करनी पड़ती.

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