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हरियाणा दिवस पर डीजीपी ने प्रदेशवासियों को दी बधाई, सुरक्षा का दिया भरोसा

आज हरियाणा 53 साल का हो गया है. हरियाणा राज्य की पहचान कभी रेतीले जमीन और कीकर के जंगलों से होती थी, लेकिन अपने बलबूते पर हरियाणा ने अपनी पहचान बनाई है. इस पर डीजीपी ने हरियाणावासियों को शुभकामनाएं दीं.

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Published : Nov 1, 2019, 7:41 PM IST

पंचकूला:एक नवंबर को हरियाणा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. आज के ही दिन हरियाणा को अलग राज्य का दर्जा मिला था. एक नवंबर को हरियाणा दिवस के अवसर पर हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं.

1 नवंबर को अस्तित्व में आया हरियाणा

डीजीपी मनोज यादव ने कहा कि आज का दिन हरियाणा के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. आज के दिन एक नंबर 1966 को हरियाणा राज्य अस्तित्व में आया और थोड़े समय में ही हरियाणा ने अग्रणी राज्यों में अपना नाम दर्ज करा लिया है.

डीजीपी ने दी शुभकामनाएं

उन्होंने कहा कि कृषि और उद्योग की दृष्टि से हरियाणा राज्य पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान रखता है. आज हरियाणा दिवस के अवसर पर वह राज्य में रहने वाले हरियाणावासियों को शुभकामनाएं देते हैं. साथ ही विश्वास दिलाते हुए कहा कि हरियाणा पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए तत्पर है और हर संभव तरीके से लोगों की मदद करने के लिए संकल्पबद्ध है.

डीजीपी मनोज यादव

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कब कौन से जिले बने?

एक नजर हरियाणा के जिलों के इतिहास पर भी डालिए.

  • रोहतक, गुड़गांव, महेंद्रगढ़, हिसार, जींद, अंबाला और करनाल - 1 नवंबर, 1966
  • सोनीपत, भिवानी-22 दिसंबर, 1972
  • कुरुक्षेत्र-23 जनवरी, 1973
  • सिरसा- 26 अगस्त, 1975
  • यमुनानगर, रेवाड़ी, पानीपत, कैथल- 1 नवंबर, 1989.
  • पंचकूला - 15 अगस्त, 1995
  • फरीदाबाद - 15 अगस्त, 1997
  • झज्जर, फतेहाबाद- 15 जुलाई, 1997
  • नूंह- 4 अप्रैल, 2005
  • पलवल-15 अगस्त, 2008
  • चरखी दादरी- 1 दिसंबर, 2016

हरियाणा की पहचान

किसान और जवान, हुक्का और चौपाल, पगड़ी और धोती, घाघरा और कुर्ती, पहलवान और दंगल, पनघट और पहेलियां, स्वांग और रागनी तथा कड़ी मेहनत और खड़ी बोली दशकों से हरियाणा के सामाजिक परिदृश्य की विशेष पहचान हैं

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