पंचकूला: कोविड-19 का कहर हरियाणा प्रदेश में जारी है. हरियाणा में एक के बाद एक पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. वहीं कई लोग कोरोना को मात दे रहे हैं. ऐसी ही एक शख्सियत की कहानी ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है. हम बात कर रहे हैं पंचकूला नागरिक अस्पताल की स्टाफ नर्स कविता की, जो कि कोरोना पीड़ित महिला का इलाज कर रही थी और इसी दौरान खुद भी कोरोना की चपेट में भी आ गई और फिर उन्होंने कोरोना बीमारी को मात दी.
पंचकूला नागरिक अस्पताल की स्टाफ नर्स कविता ने बताया कि 20 मार्च को उनकी आइसोलेशन में नाइट ड्यूटी थी और उनके पास एक कोरोना की सस्पेक्टेड पेशेंट थी. उस दिन उनकी ड्यूटी शाम 7 बजे शुरू हो गई थी. कविता ने बताया कि उन्होंने अपनी पीपीई किट डाली और फिर वो आइसोलेशन वार्ड में चली गई, जहां उन्होंने कोरोना संदिग्ध मरीज की मेडिसिन की और फिर कागजी कार्रवाई में लग गई.
कविता ने बढ़ाया कोरोना संक्रमित महिला का हौसला
उन्होंने बताया कि कोरोना संदिग्ध मरीज की देर रात को रिपोर्ट आई जो कि पॉजिटिव थी, जिसके बाद उन्होंने पेशेंट को समझाया कि डरने की कोई बात नहीं है. कविता ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में किसी को भी जाने की इजाजत नहीं होती, तो उन्होंने मरीज के घर फोन किया और स्पीकर ऑन करके मरीज की बात घरवालों से करवाई.
कविता ने बताया कि 21 मार्च की सुबह वो अपनी ड्यूटी खत्म करके डॉक्टर से मिली और डॉक्टर को कोरोना पॉजिटिव पेशेंट के बारे में पूरी बात बताई. जिसके बाद डॉक्टर ने कविता को भी 14 दिनों के लिए कवारंटीन कर दिया.
कविता ने करवाया कोविड-19 टेस्ट
कविता ने बताया कि वो घर पर 14 दिनों के लिए आइसोलेट हो गई और खुद को बच्चों से और परिवार से दूर रखा. कविता ने बताया कि उसे कोरोना वायरस के सिम्टम्स भी नहीं थे. लेकिन इस दौरान उनके दिमाग में ये बात जरूर थी कि उन्हें कोरोना के सिम्टम्स तो नहीं है, लेकिन फिर भी अगर हुए तो कोरोना वायरस परिवार के दूसरे सदस्यों को भी हो सकता है. जिसके चलते उन्होंने सैंपल देने का निर्णय लिया.