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कृषि कानून पर बोले मनोहर लाल, कानून वापस लेना लोकतांत्रिक सरकार में संभव नहीं - पंचकूला न्यूज

शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंचकूला में जनसभा का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी चुने हुए नेता का या मुख्यमंत्री का अगर विरोध होता है. तो उसमें राजनीति होती है.

cm manohar Lal addresses public meetings in panchkula
मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंचकूला जनसभा संबोधन

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Published : Dec 25, 2020, 5:47 PM IST

Updated : Jan 1, 2021, 4:45 PM IST

पंचकूला: 27 दिसंबर को पंचकूला, अंबाला और सोनीपत में नगर निगम के चुनाव होने जा रहे हैं. ऐसे में हरियाणा बीजेपी के बड़े-बड़े नेता अपने मेयर व बीजेपी पार्षद प्रत्याशियों को जिताने के लिए जनसभा का आयोजन कर रहे हैं. गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पंचकूला में पहुंचे. जहां उन्होंने दो जनसभाओं को संबोधित किया और बीजेपी के प्रत्याशियों और जेजेपी के प्रत्याशियों सहित बीजेपी के मेयर प्रत्याशी के हक में वोट की अपील की.

इस दौरान सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बीजेपी के मेयर प्रत्याशी और बीजेपी, जेजेपी पार्षद प्रत्याशी सब मिलकर के संकल्प करते हैं कि वो भ्रष्टाचार नहीं करेंगे और ना ही करने देंगे. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ना करने की शपथ वो जनता के सामने अपने प्रत्याशियों को करवाते हैं.

सीएम मनोहर लाल खट्टर

भ्रष्टाचार मुक्त है हरियाणा की सरकार: सीएम मनोहर लाल

उन्होंने बताया कि 2015 में विधानसभा चुनाव में जो जनसभाएं हुई. उस समय भी उन्होंने अपने मंत्री,नेता,सांसदों, विधायकों को खड़ा करके भ्रष्टाचार ना करने का संकल्प दिलाया था और उसी का नतीजा था कि भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बनी और विकास करवाया.

जनता भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सरकार को दे सूचना

मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले इच्छाशक्ति चाहिए और जब इच्छाशक्ति होगी तो फिर सिस्टम ठीक होगा. जिससे नेता, अधिकारी, कर्मचारी, भ्रष्टाचार नहीं करेंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता भी अपने स्वार्थ के लिए भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है. जिसके लिए मुख्यमंत्री ने जनता से भी अपील की कि जनता भी भ्रष्टाचार से दूर रहे और यदि कोई उन्हें भ्रष्टाचार करने को कहे तो इसकी सूचना सरकार को दे. उन्होंने कहा कि सूचना मिलने पर भ्रष्टाचार करवाने वाले की गर्दन पकड़ने का काम सरकार का होगा.

उनके काफिले का घेराव करना राजनीति है: सीएम

वहीं किसान आंदोलन को लेकर काफिले का घेराव किए जाने पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी चुने हुए नेता का या मुख्यमंत्री का अगर विरोध होता है. तो उसमें राजनीति होती है और उसमें किसान आंदोलन का कुछ लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि किसान किसी जगह पर धरना देकर प्रदर्शन करें, तो समझ में भी आता है, लेकिन एक राजनीतिक कार्यक्रम में बाधा डालना राजनीति है.

'कृषि कानून विड्रॉ करना लोकतांत्रिक सरकार में नहीं है संभव'

उन्होंने कहा कि ऐसे में जनता जवाब देना जानती है क्योंकि उनके पास वोट का अधिकार होता है. उन्होंने कहा कि बातचीत को नकार कर, 'हमारी बात मानो' ये एक व्यवस्था का तरीका नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसानों को कुछ बात कहनी है तो वे अपना प्रस्ताव भेजें. सीएम ने कहा कि किसानों को ये बात छोड़ देनी चाहिए कि बिल को विड्रॉ करो, क्योंकि विड्रॉ करने वाली स्थिति लोकतांत्रिक सरकार में संभव नहीं है.

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अंबाला में किसानों ने रोक दिया था सीएम का काफिला

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले अंबाला नगर निगम चुनाव के लिए प्रचार करने गए सूबे के मुखिया मनोहर लाल खट्टर को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था. कृषि कानूनों के विरोध में अंबाला के किसानों ने मुख्यमंत्री के काफिले को रोककर काले झंडे और सरकार विरोधी नारे लगाए. इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच जबरदस्त हाथापाई भी हुई.

Last Updated : Jan 1, 2021, 4:45 PM IST

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