पंचकूला: मानेसर लैंड डील मामले पर विशेष सीबीआई अदालत ने सुनवाई की. सुनवाई में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पेश नहीं हुए. बाकी आरोपी स्पेशल सीबीआई कोर्ट में प्रत्यक्ष रूप से पेश हुए. इस दौरान आरोपियों पर लगाए गए चार्ज पर दोनों पक्षों के वकीलों में बहस हुई.
मानेसर लैंड स्कैम मामले में हुई सुनवाई, देखें वीडियो अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी
बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि आरोपी और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा राजनीति कार्यक्रम में व्यस्त होने के चलते कोर्ट में पेश नहीं हो पाए, जिसके चलते कोर्ट में उनकी हाजरी माफी को लेकर याचिका लगाई गई है. बताया कि मामले की अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी और 11 अक्टूबर को आरोपियों पर लगाए गए चार्ज पर बहस होगी.
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जानें क्या है पूरा मामला
27 अगस्त 2004 को एचएसआईआईडीसी ने इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने के लिए मानेसर, लखनौला, नौरंगपुर में 912 एकड़ जमीन के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया. राज्य सरकार ने 224 एकड़ जमीन को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया, 688 एकड़ जमीन अधिग्रहण के दायरे में रही. इसके बाद कई बिल्डरों ने किसानों से जमीन खरीदना शुरू कर दिया. 24 अगस्त 2007 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अधिग्रहण प्रक्रिया रद्द कर दी.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला
फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि बिल्डरों ने किसानों को जमीन के बदले जो भी रकम दी है वो वापस नहीं होगी. जमीन मालिक को जो पैसा बिल्डर ने दिया है वह मुआवजा माना जाएगा. अगर मुआवजा बकाया है तो राज्य सरकार देगी. जहां मुआवजे से ज्यादा रकम मिली है, वह रकम वापस नहीं होगी. जिसने बिल्डरों को जमीन और फ्लैट अलॉटमेंट के बदले रकम दी है, वह रकम वापस पाने का हकदार होगा. तीसरे पक्ष को रिफंड या अलॉट किए गए प्लॉट या फ्लैट में हिस्सा मिलेगा.