पंचकूला: कोविड-19 के चलते लगे लॉकडाउन की वजह देश मुश्किल दौर से गुजर रहा है. इस समय बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन भी चिंता का विषय बन गया है. क्या सरकारी अस्पतालों में बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन की सही व्यवस्था की गई है? या फिर इसमें लापरवाही बरती जा रही है? इसकी का जायजा लिया ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने. जिसमें पाया गया कि पंचकूला का सामान्य अस्पताल सभी नियमों को ध्यान में रखकर कचरे के वेस्ट को नियमों के अनुसार नष्ट किया जा रहा है.
ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने पंचकूला सेक्टर-6 नागरिक अस्पताल में बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन की व्यवस्था का जायजा लिया और ये जानने की कोशिश की कि सुरक्षा उपकरणों के निपटान को लेकर अधिकारी सतर्क हैं या नहीं. अपनी रिपोर्ट में ईटीवी भारत की टीम ने पाया कि पंचकूला सेक्टर-6 नागरिक अस्पताल में कोरोना संक्रमितों और चिकित्सकों की पीपीटी किट को ध्यान पूर्वक नष्ट किया जा रहा है.
सरकार ने जो नियम और गाडडलाइन जारी की थी. पंचकूला का नागरिक अस्पताल उनपर खरा उतरता नजर आया. बायोमेडिकल वेस्ट को नष्ट करने के लिए सरकार की ओर से कंपनी को निर्धारित किया है. बायोमेडिकल कचरे को नष्ट करने का जिम्मा इस कंपनी पर ही है.
गाइडलाइन्स का किया जा रहा पालन
सामान्य अस्पताल की सीएमओ डॉक्टर जसजीत कौर ने बताया कि कोविड-19 के लिए विशेष गाइडलाइन सरकार की ओर से जारी की गई है. जिसके तहत पर्यावरण विभाग और कोर्ट के निर्देश पर आधारित नियमों के तहत काम किया जाता है. अस्पताल में इस्तेमाल की गई पीपीटी किट को नष्ट किया जाता है. सरकार ने इसके लिए नोडल एजेंसी के साथ मिलकर समझौता करते हुए रूपरेखा तैयार की है. जिसके तहत कोविड-19 के वेस्ट को नष्ट किया जा रहा है.