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दिवाली के दिन कोई अनाथ आश्रम के बाहर छोड़ गया 'लक्ष्मी', माता-पिता की तलाश में पुलिस

पलवल जिले के बघौला गांव स्थित एक अनाथ आश्रम के दरवाजे के बाहर महज ढाई महीने की एक बच्ची मिली है जिसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी की टीम वहां पहुंची. फिलहाल के बच्ची के माता पिता की तलाश जारी है और बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

two months old baby girl found outside orphanage in palwal
दिवाली के दिन अनाथ आश्रम के बाहर मिली ढाई महीने की बच्ची

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Published : Nov 16, 2020, 7:33 PM IST

Updated : Nov 16, 2020, 7:55 PM IST

पलवल: दिवाली के दिन देशभर में जहां लोग मां लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते है तो वहीं पलवल से एक ऐसा मामला सामने आया जहां एक नन्ही सी बच्ची को अनाथ आश्रम के बाहर कोई छोड़ कर चला गया.

ये पूरा मामला 13 नवंबर का है जहां जिले के बघौला गांव स्थित एक अनाथ आश्रम के दरवाजे के बाहर महज ढाई महीने की एक बच्ची मिली. बाहर खेल रहे बच्चों ने जब इस बच्ची को देखा तो उन्होंने आश्रम के संचालक को इसकी सूचना दी और फिर पुलिस को मौके पर बुलाया गया. इस मामले की सूचना मिलते ही चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी आश्रम पहुंची और बच्ची को अस्पताल ले जाया गया.

दिवाली के दिन कोई अनाथ आश्रम के बाहर छोड़ गया 'लक्ष्मी', माता-पिता की तलाश में पुलिस

इस दौरान बाल कल्याण समिति की मेंबर अल्पना मित्तल का कहना है कि बच्ची बिल्कुल स्वस्थ्य है. उन्होंने बताया कि सभी पुलिस स्टेशन में इस मामले की सूचना दे दी गई है और इसके माता-पिता की तलाश की जा रही है. उन्होंने बच्ची को इस तरह आश्रम के बाहर छोड़कर जाने पर कड़ी निंदा की और लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर कोई माता-पिता बच्चों को नहीं पाल सकता तो प्रदेश सरकार ने हर जिले में सीसीआइ बनाई हुई है जिनके जरिए कोई भी नागरिक स्वेच्छा से अपने बच्चे को कानूनी प्रक्रिया के द्वारा सरकार की सौंप सकता है.

वहीं जिला बाल कल्याण अधिकारी सीता इन्दीवर ने बताया की बघौला गांव के आसपास में काम करने वाली आंगनबाड़ी वर्कर्स के माध्यम से बच्ची के माता पिता की जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए पुलिस की भी मदद ली जा रही है. उन्होंने कहा की पलवल में छोटे बच्चों को रखने के लिए कोई स्थान नहीं है. इसीलिए इस बच्ची को फरीदाबाद स्थित चाइल्ड केयर यूनिट में भेजा गया है. इसके लिए जो भी कागजी और कानूनी प्रक्रिया है वो पूरी कर ली गई है.

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जिला बाल कल्याण अधिकारी सीता ने कहा कि कोई जान बूझकर ही बच्ची को अनाथ आश्रम के गेट पर छोड़ कर गया है क्योंकि उसे पता था की यहां बच्ची को संभाल लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते बच्ची का पता नहीं चलता तो उसे चोट भी पहुंच सकती थी. उन्होंने बताया की प्रदेश सरकारी की बच्चो की चाहत रखने वाला कोई भी इच्छुक व्यक्ति बच्चों को गोद लेने के लिए प्रदेश सरकार की वेबसाईट पर आवेदन क्र बच्चे प्राप्त क्र सकता है.

Last Updated : Nov 16, 2020, 7:55 PM IST

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