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चीन से फंडिंग लेकर बीजेपी सत्ता में आई है: तेज बहादुर यादव - तेज बहादुर यादव बीजेपी फंडिंग आरोप

पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने पलवल में किसान आंदोलन को समर्थन दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि बीजेपी को चुनाव में चीन से फंडिंग की गई है.

Tej Bahadur Yadav allegation on BJP of taking funding from China
चीन से फंडिंग लेकर बीजेपी सत्ता में आई है: तेज बहादुर यादव

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Published : Jan 17, 2021, 10:54 PM IST

पलवल:देश के सबसे बड़े दुश्मन चीन से फंडिंग लेकर बीजेपी सत्ता में आई है. बीजेपी के चुनाव प्रचार में चीन से फंडिंग की गई है. ये बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर ने पलवल अटोहां चौक पर चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए दिया.

पूर्व बीएसएफ जवान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके तेज बहादुर आज पलवल के अटोहां चौक पर चल रहे किसान आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे और यहां उन्होंने बीजेपी सरकार पर कुठाराघात करते हुए कहा कि देश में आज जो सरकार तुगलकी फरमान जारी कर रही है. वो सरकार चीन के रहमो कर्म पर आज सत्ता में आई है.

चीन से फंडिंग लेकर बीजेपी सत्ता में आई है: तेज बहादुर यादव

चीन के फंडिंग लेकर सत्ता में आई बीजेपी: तेज बहादुर यादव

सरकार के मंत्री, संतरी जो बयान देते घूमते हैं कि किसान आंदोलन को विदेशी फंडिंग से फलीभूत किया जा रहा है. उन मंत्रियों में से स्पष्ट तौर पर पूछना चाहता हूं कि जब चुनाव था उस समय बीजेपी ने विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल क्यों किया था. आज किसान आंदोलन में जो किसान सड़क पर बैठा है और उन्हीं के भाई, बेटे और अन्य परिवार के सदस्य जो विदेश में रहते हैं. वो अपने ही भाई , बेटे और परिवार के लिए पैसा भेज रहे हैं.

किसानों को उनके बेटे भेज रहे विदेश से पैसे: तेज बहादुर यादव

अगर सरकार इसे विदेशी फंडिंग समझ रही है. तो ये उनकी मूर्खता है. तेज बहादुर ने कहा कि ये बीजेपी सरकार लाशों की सीढ़ियां बनाकर आज सत्ता के शिखर पर बैठी है. इन लाशों के सौदागरों के लिए 70 किसान या लाखों किसान भी अगर शहीद होता है. तो इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता.

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'ये सरकार ना तो जवानों की है और ना ही किसानों की'

उन्होंने सरकार और सरकार के नुमाईंदो पर आक्रोश भरे स्वर में कहा कि ये सरकार ना तो किसान की है और ना जवान की है. इस सरकार में जहां सरहद पर जवान मर रहा है. वही सड़कों पर अब किसान मर रहा है, लेकिन इस बेशर्म सरकार को अब भी कोई फर्क नहीं पड़ता. ऐसे में किसान ने भी पूर्णतय कमर कस ली है. जब तक ये तीनों काले कानून वापस नहीं होते. तब तक घर जाने की बात उनके लिए बिलकुल बेमानी है.

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