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हथीन विधानसभाः 2 बड़ी नहरें और 8 छोटे रजवाहे फिर भी पानी के लिए तरस रही जनता - पलवल

आज हमारी टीम पहुंची है पलवल जिले की हथीन विधानसभा में जहां से 2014 के चुनाव केहर सिंह रावत ने जीत दर्ज की थी. लेकिन तब वो इनेलो के टिकट पर लड़े थे और अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.

suniye neta ji

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Published : Aug 28, 2019, 5:22 PM IST

पलवलःहथीन विधासभा से केहर सिंह रावत विधायक हैं. यहां की जनता अपने विधायक से काफी नाराज दिखती है. यहां भी जनता के वही मूलभूत सुविधाओं के मुद्दे हैं. जनता पीने के पानी, सड़क, बिजली और सिंचाई के पानी को लेकर परेशान है.

मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही हथीन विधानसभा की जनता, क्लिक कर देखिए स्पेशल रिपोर्ट

बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा
हथीन विधानसभा की जनता जहां छोटी-छोटी समस्याओं से जूझती नजर आई वहीं बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा वहां नजर आया लगभग सभी लोग ये कहते दिखे कि उनके पास रोजगार नहीं है. जिनके पास पहले कुछ रोजगार थे भी वो भी अब नहीं रहे.

छोटे मुद्दे पीछा छेड़ेंगे तब तो कुछ और सोचेंगे
यहां की जनता के जो मुद्दे हैं वो सुनने में छोटे लग सकते हैं लेकिन आप सोचिए कि आजादी के इतने दिन बाद भी अगर चुनाव में लोग पानी, बिजली जैसी समस्याएं उठा रहे हैं तो ये कितनी बड़ी हैं. मौजूदा सरकार जो दावे विश्व शक्ति बनने के करती है उस विश्व शक्ति में क्या ऐसी छोटी समस्याएं होनी चाहिए ?

हथीन में समस्याओं का अंबार है
पानी

  • पीने के पानी की बड़ी समस्या है.
  • यहां ज्यादातर इलाकों में खारा पानी निकलता है.
  • सिंचाई के पानी की भी समस्या है.
  • अधिकांश किसान बारिश और नहरी पानी पर निर्भर करते हैं.

रोजगार

  • यहां कोई औद्योगिक क्षेत्र नहीं है.
  • रोजगार के लिए युवा फरीदाबाद, गुरुग्राम और पलवल जाने को मजबूर हैं.
  • जनता की औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने की लंबे समय से चल रही मांग पर विधायक ने कोई ध्यान नहीं दिया.

स्वास्थ्य

  • 50 बेड का एक सरकारी अस्पताल है लेकिन सुविधाओं का अभाव.
  • ज्यादातर लोग गांव में रहते हैं लेकिन अस्पताल में सुविधाएं न मिलने प्राइवेट अस्पताल जाना पड़ता है.
  • गांव में खुले स्वास्थ्य केंद्रों में ज्यादातर दवाइयां उपलब्ध नहीं.
  • आधे से ज्यादा पशु अस्पतालों में डॉक्टर ही नहीं हैं. कई अस्पताल बंद पड़े हैं.

शिक्षा

  • ज्यादातर सरकारी स्कूलों में टीचर नहीं हैं.
  • स्कूलों में मिलने वाली सुविधाएं भी नाम मात्री की ही हैं.
  • उच्च शिक्षा के लिए मात्र एक कॉलेज उसमें भी स्टाफ की कमी.
  • लड़कियों के लिए कोई विशेष कॉलेज नहीं है इसलिए उन्हें बाहर जाना पड़ता है.

यातायात

  • यहां केवल एक बस स्टैंड हैवो भी बंद पड़ा है.
  • बसें न रुकने के कारण लोगों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है.

सड़कें

  • हथीन में सड़कें तो हैं लेकिन बहुत पुरानी.
  • मरम्मत न होने के कारण सड़कों का बुरा हाल.

स्वच्छता

  • हर कदम पर आपको गंदगी के ढेर मिलेंगे.
  • कई जगह सीवर का पानी बहता मिलेगा.
  • शुलभ शौचालयों की हालत खस्ता है.

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